बुद्ध व दो शिष्यों के अस्थि अवशेष के साथ निकली शोभायात्रा
फोटो-70 71 -जयश्री महाबोधि विहार का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव समारोह संपन्न - शोभायात्रा में विदेशी पर्यटक व लामा पंचशील ध्वज ले हुए शामिल -महाबोधि विद्यापीठ के बचों ने दिया जल जीवन हरियाली का संदेश ----------- जागरण संवाददाता बोधगया
गया । बुद्ध व उनके दो शिष्यों अरहंत सारिपुत्त व महा मोग्गलान के अस्थि अवशेष के साथ बोधगया में सोमवार को गाजे-बाजे के साथ आकर्षक शोभा यात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक व बौद्ध लामा हाथों में पंचशील ध्वज लेकर शामिल हुए। वहीं, स्कूली बच्चे विभिन्न किस्म के झांकी के साथ शामिल थे। थाईलैंड और लॉव पीडीआर के श्रद्धालु पारंपरिक परिधान में शामिल हुए। शोभायात्रा में जापानी पर्यटकों का एक दल भी शामिल रहा। महाबोधि विद्यापीठ के बच्चे जल, जीवन, हरियाली का संदेश झांकी के माध्यम से प्रसारित कर रहे थे। कालचक्र मैदान से शुरू ही शोभायात्रा महाबोधि सोसाइटी के पास पहुंची। इसमें आकर्षक ढंग फूलों से सजे तीन रथनुमा वाहन पर सवार वियतनामी के वरीय बौद्ध भिक्षुओं को क्रमश: बुद्ध, अरहंत सारिपुत्त व महा मोग्गलान के अस्थि अवशेष को सोसाइटी के अध्यक्ष एन. दोरजे, महासचिव भंते पी. सिवली थेरो द्वारा सौंपा गया। उसे वाहन पर लेकर अस्थि अवशेष के साथ नगर भ्रमण करते हुए 80 फीट विशाल बुद्ध प्रतिमा होकर वापस सोसाइटी परिसर लाया गया। अस्थि अवशेष की विशेष पूजा अर्चना कर सुरक्षित रखा गया। इस शोभायात्रा के साथ ही जयश्री महाबोधि विहार का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव कार्यक्रम संपन्न हो गया। इसके पहले जयश्री महाबोधि विहार में अस्थि अवशेष दर्शन को श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। अंतिम दिन होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा थी। इसलिए सोसाइटी प्रबंधन ने कतार में खड़े सभी श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका दिया। सोसाइटी के महासचिव भंते पी सिवली थेरो ने बताया कि हरेक बौद्ध श्रद्धालु की इच्छा बोधगया आने पर अस्थि अवशेष दर्शन करने की होती है। कई श्रद्धालु बोधगया आने का कार्यक्रम अपना इसी समय निर्धारित करते हैं। ऐसे में उन्हें निराशा हाथ न लगे। इसका ख्याल रखते हुए सभी कतारबद्ध श्रद्धालुओं को अस्थि अवशेष का दर्शन कराया गया। संध्या बेला में सोसाइटी परिसर को वियतनामी बौद्धों द्वारा कैंडल लाइट से आकर्षक ढंग से सजाया गया और धम्मचक सूत्त पाठ के साथ तीन दिवसीय समारोह का विधिवत ढंग से समापन किया गया।