Move to Jagran APP

Kaimur: सरकारी कर्मियों के घर शिशु के जन्‍म लेने पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग उठाएगा खर्च, मिलेंगी ये सुविधाएं

सरकारी कर्मियों के घर शिशु के जन्म पर स्वास्थ्य विभाग आर्थिक सहयोग करेगा। हालांकि दो संतानों तक ही सुविधा का लाभ मिल सकेगा। सामान्य प्रसव और सीजेरियन के लिए मेडिक्लेम आधारित सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जननी सुरक्षा योजना के तहत भी आर्थिक मदद दी जाती है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 09:50 AM (IST)
प्रसव में सरकार की ओर से मिलेंगी सुविधाएं। प्रतीकात्‍मक फोटो

भभुआ (कैमूर), जागरण संवाददाता। अब सरकारी कर्मी या फिर अधिकारी के घर शिशु के जन्म पर प्रसव के दौरान होने वाला खर्च स्वास्थ्य विभाग उठाएगा। जिले की आम जनता के साथ सरकारी कर्मी भी सुरक्षित प्रसव के लिए सतर्क रहें, इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने यह विशेष पहल की है। स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है कि प्रसव के दौरान होने वाले खर्च की चिकित्सा प्रति स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलेगी। इस संबंध में प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र जारी कर प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम व सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।

loksabha election banner

संस्थागत प्रसव में सभी प्रसव संबंधी जटिलताओं का होता है समुचित प्रबंधन

जारी पत्र में कहा गया है कि प्रसव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, फिर भी प्रसव के दौरान अनुकूल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, तो जच्चा व बच्चा की मां और शिशु मृत्यु दर में कमी आती है। बिहार उपचार नियमावली के नियम 26 के अनुसार राज्य सरकार को यह शक्ति है कि वह किसी भी व्यक्ति को, जो इस नियमावली के समन्वय उपचार या इलाज के लिए दस्तावेज नहीं है, उसके लिए उपचार व इलाज की सुविधा प्रदान करें। सरकार की नीति संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना भी है जिससे की प्रसव संबंधी जटिलताओं का ससमय समुचित निवारण हो सके और शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सके।  

दो संतानों तक ही सीमित है सुविधा का लाभ

सरकारी कर्मी और अधिकारियों को सरकार की ओर से मिलने वाली यह सहायता पहले दो संतानों तक ही सीमित रहेगी। इसमें अच्छी बात यह है कि चाहे बच्चे का जन्म नाॅर्मल डिलेवरी से हो या फिर सीजेरियन, दोनों ही स्थिति में सरकारी कर्मियों को विभाग की ओर से सुविधा मिलेगी। वर्तमान में अखिल भारतीय सेवाओं के कर्मियों को सामान्य प्रसव और सीजेरियन, पीडि़त के लिए मेडिक्लेम आधारित सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। अब बिहार सरकार भी अपने सरकारी कर्मियों और अधिकारियों को उपलब्ध कराएगी।

जननी सुरक्षा योजना के तहत भी दी जाती है आर्थिक मदद

स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ऋषिकेश जयसवाल ने बताया जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिला में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना है। इस योजना का लाभ केवल गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाएं ही उठा सकती है। जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाएं, जो गर्भवती हैं और गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करती हैं, उन्हें सरकार द्वारा 1400 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा आशा सहयोगी को प्रसव प्रोत्साहन के लिए 300 रुपये और प्रसव के बाद सेवा प्रदान करने के लिए 300 रुपए की सहायता दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र की गरीब गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय 1000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा आशा सहयोगी को प्रसव प्रोत्साहन के लिए 200 रुपये और प्रसव के बाद सेवा प्रदान करने के लिए 200 रुपये प्रदान किए जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.