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जयश्री महाबोधि विहार के वार्षिकोत्सव को लेकर पंचशील ध्वज से सज रही बुद्धभूमि

जयश्री महाबोधि विहार के 12वें स्थापना दिवस समारोह के लिए बोधगया को पंचशील ध्वज से सजाया जा रहा है। उससे पहले महाबोधि सोसायटी परिसर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 07:43 PM (IST)
जयश्री महाबोधि विहार के वार्षिकोत्सव को लेकर पंचशील ध्वज से सज रही बुद्धभूमि
जयश्री महाबोधि विहार के वार्षिकोत्सव को लेकर पंचशील ध्वज से सज रही बुद्धभूमि

गया। जयश्री महाबोधि विहार के 12वें स्थापना दिवस समारोह के लिए बोधगया को पंचशील ध्वज से सजाया जा रहा है। उससे पहले महाबोधि सोसायटी परिसर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होगा।

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एक फरवरी से तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव पर कई कार्यक्रम होंगे। मंदिर परिसर में धार्मिक आयोजनों के साथ भगवान बुद्ध व उनके दो शिष्यों (अरहंत सारिपुत्त और महा मोग्गलान) के अस्थि अवशेष श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखे जाएंगे।

सोसायटी के महासचिव भंते पी सिवली थेरो ने बताया कि एक फरवरी की सुबह शोभायात्रा निकाली जाएगी। भगवान बुद्ध व उनके दो शिष्यों के अस्थि अवशेष जयश्री महाबोधि विहार से विश्वदाय धरोहर महाबोधि लाए जाएंगे। गर्भ गृह में अस्थि रखे जाएंगे। तीन दिनों तक दो-दो घंटे श्रद्धालु उनका दर्शन कर सकेंगे। फोटो प्रदर्शनी और अनागारिक धम्मपाल के जीवनवृत्त को स्क्रीन शो के तहत दिखाया जाएगा। देर शाम धम्मचक सूत्त का बौद्ध भिक्षुओं द्वारा पाठ होगा। मंदिर परिसर को मोमबत्ती की रोशनी से जगमग किया जाएगा।

शोभा यात्रा : अस्थि अवशेष के साथ तीन फरवरी को कालचक्र मैदान से शोभा यात्रा निकाली जाएगी। बुद्ध प्रतिमा होते हुए सोसायटी परिसर में यात्रा का समापन होगा। गाजे-बाजे व विशेष साज-सज्जा वाले रथ पर अस्थि अवशेष को लेकर वियतनामी संघ के श्रद्धालु बैठेंगे। त्रिशरण जयघोष के साथ निकलने वाली इस शोभा यात्रा में विभिन्न बौद्ध मठों के भिक्षुओं, आगत श्रद्धालुओं के अलावा स्कूली छात्रों की सहभागिता होगी।

अंतरराष्ट्रीय सेमिनार : दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का विषय है : बुद्धिज्म एंड वूमेंस लिबरेशन'। मुख्य अभिभाषण अमेरिका के भिक्षु बोधि प्रस्तुत करेंगे। अन्य वक्ताओं में कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो. उज्ज्वल कुमार, थाईलैंड की भिक्षुणी धम्मानंद, वियतनाम की भिक्षुणी ली-फाक, बीएचयू के प्रो. बिमलेंदु कुमार, डीयू के प्रो. केटीएस सराओ सहित हागकाग, चीन, वियतनाम श्रीलंका आदि देशों के विद्वान होंगे।


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