पोशाक किताब का हिसाब देने मे शिक्षकों को छूटने लगा पसीना, नौ प्रखंड का सबसे खराब प्रदर्शन
अग्रिम राशि का उपयोगिता देने मे सासाराम समेत नौ प्रखंड का सबसे खराब प्रदर्शन डीपीओ सर्व शिक्षा ने तीन दिन मे अवशेष राशि का उपयोगिता देने का दिया निर्देश प्रखंडो द्वारा अवशेष राशि को वापस करने की प्रक्रिया जारी।
जागरण संवाददाता, सासाराम। सरकारी स्कूलों में पढने वाले बच्चों को पोशाक व किताब खरीदने के लिए मिली अग्रिम राशि का हिसाब देने में शिक्षकों को अब पसीने छूटने लगे है। अब भी लगभग छह लाख रुपए का हिसाब विभाग को नही मिल सका है। जिस पर शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारीयो ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित प्रखंडो के बीईओ, प्रखंड साधन सेवी व डाटा इंट्री सह ऑपरेटर पर कारवाई करने की चेतावनी दी है। अवशेष राशि की उपयोगिता जमा करने मे सासाराम समेत नौ प्रखंडो का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। पत्र के बाद प्रखंडो से अवशेष राशि को वापस करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
डीपीओ सर्व शिक्षा राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 मे सरकारी स्कूलो मे पढने वाले बच्चो को पोशाक व बिहार टेक्स्ट बुक प्रकाशन की पाठ्य पुस्तक खरीद के लिए अग्रिम राशि नामांकित छात्रो के हिसाब से उपलब्ध कराई गई थी लेकिन अभी भी 5.88 लाख से अधिक का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नही हो सका है। जिस कारण अग्रिम राशि का समायोजन नही किया जा सका है। अवशेष राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने मे सासाराम, राजपुर, नौहट्टा, सूरयपुरा, दावथ, शिवसागर, चेनारी, बिकरमगंज व करगहर प्रखंड का प्रदर्शन खराब रहा है। जहा के बीईओ, प्रखंड साधन सेवी तथा डाटा ऑपरेटर को पत्र भेज तीन दिन के अंदर अवशेष राशि का समायोजन व उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद जिस प्रखंड से शत फीसद अवशेष राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नही होता है तो संबंधित प्रखंड के बीईओ, साधनसेवी व लेखापाल के विरुद्ध अनुशासनिक कारवाई की की अनुशंसा की जाएगी। साथ ही लेखापाल के मूल वेतन मे भी कटौती की कार्रवाई की जाएगी।
अवशेष राशि
मद : पाठ्यपुस्तक
वित्तीय वर्ष अवशेष राशि
मद : पोशाक