केंद्रीय विवि में महिलाओं की स्थिति पर छात्रों ने की चर्चा, कहा- नारी कमजोर नहीं, केवल सहायत की जरुरत
विभागाध्यक्ष डॉ. विपिन कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापको एवं शोद्धार्थियों ने भाग लिया। समिति के समन्वयक डॉ.अर्चना कुमारी और सह-समन्वयक डॉ. अर्पणा झा ने परिचर्चा के विषय पर अपने विचार रखे।
संवाद सहयोगी, टिकारी (गया)। दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय मे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के तहत विवि के अंग्रेजी विभाग द्वारा बुधवार एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देश में महिलाओं की स्तिथि को लेकर एक विशेष परिचर्चा किया गया। अंग्रेजी विभाग के जेंडर सेन्सिटाइजेशन एवं इंटरनल कंप्लेंट कमिटी ने “द चेंजिंग रोल ऑफ वीमेन इन द ट्वेन्टी फर्स्ट सेंचुरी” विषय पर सामूहिक चर्चा का अयोजन किया।
विभागाध्यक्ष डॉ. विपिन कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापको एवं शोद्धार्थियों ने भाग लिया। समिति के समन्वयक डॉ.अर्चना कुमारी और सह-समन्वयक डॉ. अर्पणा झा ने परिचर्चा के विषय पर अपने विचार रखे। सहायक प्राध्यापक डॉ सुरेश कुरापति ने सभागार में उपस्थित शोधार्थियों से समकालीन नारी की समस्याओं एवं चुनौतियों पर चर्चा करने को कहा जिस पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
डॉ. सुनील कुमार, सहायक प्रध्यापक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए यह बताया की केवल एक दिन के लिए पूरे वर्ष में महिला सशक्तीकरण पर चर्चा करना ठीक नहीं है, क्यूंकि यह सत्यापित करता है की नारी कमज़ोर है और उसे सहायता की जरुरत है। शोद्यार्थी अदिति प्रिया के साथ - साथ अन्य शोद्धार्थियों ने भी नारी चेतना से सम्बंद्धित विषय पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। सामूहिक चर्चा के अलावा शोधार्थी, विश्वजीत सरकार, सोनाली सिंह, प्रियंका कुमारी, दिव्या आदि ने स्त्री मुद्दों पर कविता पाठ किया। कविता पाठ में शोद्धार्थियों ने नारी की स्थिति पर मानवीय मूल्यों की पृष्ठभूमि का वर्णन किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. अर्पणा झा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।