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सीताकुंड का नया स्वरूप पर्यटकों को कर रहा आकर्षित

गया गया एक धार्मिक एवं पौराणिक शहर है। जहां प्रत्येक दिन काफी संख्या में पर्यटक एवं तीर्थयात्री आते हैं। शहर में स्थित प्रमुख पिडवेदी में एक मानपुर स्थित सीताकुंड पिंडवेदी भी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Aug 2021 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 22 Aug 2021 11:13 PM (IST)
सीताकुंड का नया स्वरूप पर्यटकों को कर रहा आकर्षित

गया : गया एक धार्मिक एवं पौराणिक शहर है। जहां प्रत्येक दिन काफी संख्या में पर्यटक एवं तीर्थयात्री आते हैं। शहर में स्थित प्रमुख पिडवेदी में एक मानपुर स्थित सीताकुंड पिंडवेदी भी है। जिसका सुंदरीकरण करने काम हृदय योजना के तहत किया गया है। सुंदरीकरण होने के साथ ही पर्यटकों एवं शहर के लोगों के आकर्षण का केंद्र पिडवेदी स्थल बन गया है। प्रत्येक दिन काफी संख्या में लोग सीताकुंड पिडवेदी पहुंचते हैं। सीताकुंड में सबसे अधिक भीड़ शाम में लगती है। शाम में मेला का नजारा देखते ही बनता है। जहां खाने-पीने से लेकर बच्चों के खिलौने की दुकानें भी खुली रहती है।

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रविवार को अधिक लोग पहुंचते है सीताकुंड

बोधगया-राजगीर बाइपास पर स्थित सीताकुंड पिडवेदी पर रविवार को काफी संख्या में शहर के लोग पहुंचते है। मुख्य सड़क मार्ग पर रहने के कारण पर्यटक के साथ तीर्थयात्री भी पहुंचते है। शाम में मंदिरों में विशेष आरती होती है। आरती में काफी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। साथ ही सीढि़यों पर बैठकर मोक्षदायिनी फल्गु में बह रहे कलकल धारा को देखकर आनंद उठाते हैं। यहां पर दोपहर से ही लोग पहुंचने लगते है। शाम में पूरा परिसर शहरवासियों से पट जाता है।

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हृदय योजना से किया गया सुंदरीकरण सीताकुंड पिडवेदी का सुंदरीकरण का काम हृदय योजना द्वारा किया गया है। नया लुक देने में 6.99 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। जिसमें फल्गु नदी में घाट का निर्माण, पार्क का निर्माण एवं मुख्यद्वार का निर्माण के साथ हेरिटेज लाइट भी लगाया गया है।वहीं शाम ढलते ही सीताकुंड रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग हो उठाता है। हेरिटेज लाइट दूर से लोगों को आकर्षित करता है।

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पिडदानियों का लगता है जमावड़ा

मुख्य पिडवेदी में एक सीताकुंड भी है। जहां प्रत्येक दिन पिडदानी अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिडदान करते हैं। लेकिन पितृपक्ष में पिडदानियों का जमावड़ा लगा रहता है। प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में पिडदानी पिडदान एवं तर्पण करते हैं।

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रखरखाव में बरती जा रही कोताही

सीताकुंड में पार्क की देखरेख में कोताही बरती जा रही है। पार्क का प्रवेशद्वार खोलकर छोड़ दिया गया है। जिससे लोग पार्क में बैठक कर गंदगी फैलाते रहते हैं। साथ ही पार्क में लगे कई पौधे को लोगों ने नष्ट कर दिया है। इसके कारण पार्क का सुंदरीकरण में फीका पड़ता जा रहा है।


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