Gaya News: टिकारी अनुमंडल का स्थापना दिवस मनेगा या नहीं, इसको लेकर एसडीओ ने दे दी है जानकारी
Gaya News गया (Gaya) जिले के टिकारी अनुमंडल (Tekari Sub division) का 26वां स्थापना दिवस (Establishment Day) मनाने को लेकर अनुमंडल प्रशासन (Sub division Administration) की चुप्पी से स्थानीय लोग मायूस हैं। एसडीओ ने कहा कि लोगों की भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा।
गया/टिकारी, जेएनएन। गया (Gaya) जिले के टिकारी अनुमंडल (Tekari Sub division) का 26वां स्थापना दिवस (Establishment Day) मनाने को लेकर अनुमंडल प्रशासन (Sub division Administration) की चुप्पी से स्थानीय लोग मायूस हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए इस बार प्रशासन समारोह आयोजित करने को लेकर तैयारी करता नहीं दिख रहा है। आम तौर पर अनुमंडल का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जाता रहा है।
एसडीओ से मुलाकात कर आकर्षित किया ध्यान
प्रशासन के रवैये से नाराज अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीओ करिश्मा से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे समिति के संयोजक रहे मो. अबरार आलम ने एसडीओ को बताया कि 28 दिसंबर को टिकारी अनुमंडल स्थापना दिवस मनाया जाता रहा है। विगत कई सालों से अनुमंडल प्रशासन द्वारा स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया जाता रहा है। लेकिन इस वर्ष अभी तक न तो कोई तैयारी शुरू हुई है और न ही समिति से विचार विमर्श किया गया है।
काफी संघर्षों के बाद मिला था अनुमंडल का दर्जा
अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति के सदस्य रहे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता वाल्मीकि प्रसाद में एसडीओ को बताया कि तत्कालीन राज्य सरकार से संघर्ष कर यह उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों को स्थापना दिवस पर सम्मानित करने और स्थानीय प्रतिभाओं को पुरस्कृत करने की परंपरा चली आ रही है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने एसडीओ करिश्मा से मिलकर सारी बातों से अवगत कराते हुए स्थापना दिवस समारोह का आयोजन करने का आग्रह किया।
एसडीओ ने कहा- नहीं टूटने दी जाएगी परंपरा
इसके बाद श्रीमती करिश्मा प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि जो परंपरा कई वर्षों से बनी है, उसे टूटने नहीं दिया जाएगा और इस वर्ष भी स्थापना दिवस का आयोजन किया जाएगा। एसडीओ से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में संघर्ष समिति के संयोजक और वर्तमान में प्लस टू सर्वोदय उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद अबरार आलम, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता वाल्मीकि प्रसाद, जेपी सेनानी प्रो मुंद्रिका प्रसाद नायक और नाथून पासवान, बेचन प्रसाद चंद्रवंशी आदि शामिल थे।