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धर्मावती नदी में गिरी स्कार्पियो, बाल-बाल बचे चालक और सवारी, मामूली चोट लगने के कारण लौट गए गांव

बसहीं पुल से गारा जाने वाले ग्रामीण पथ पर धर्मावती नदी पर बनाए गए पुल का रेलिंग एवं दोनों छोर पर पत्थर का पुठ्ठी लगाए जाने के कारण वहां लगातार घटनाएं हो रही है। मंगलवार को भी एक स्कार्पियो असंतुलित हो नदी में पलट गई।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 03:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 03:40 PM (IST)
धर्मावती नदी में गिरी स्कार्पियो, बाल-बाल बचे चालक और सवारी, मामूली चोट लगने के कारण लौट गए गांव
रोहतास की धर्मावती नदी में गिरी स्कार्पियो। जागरण।

संवाद सूत्र, कोचस (रोहतास)। प्रखंड क्षेत्र के बसहीं पुल से गारा जाने वाले ग्रामीण पथ पर धर्मावती नदी पर बनाए गए पुल का रेलिंग एवं दोनों छोर पर पत्थर का पुठ्ठी लगाए जाने के कारण वहां लगातार घटनाएं हो रही है। मंगलवार को भी एक स्कार्पियो असंतुलित हो नदी में पलट गई। हालांकि, मामूली चोट होने के कारण स्कार्पियो सवार सभी लोग अपने गांव चले गए।

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बताया जाता है कि शिवपुर गांव से लोग हरपुर,बक्सर जा रहे थे कि पुल के समीप दोनों किनारे सड़क में गढ्ढा हो जाने के कारण स्कार्पियो नदी में पलट गई। संयोग बढ़िया था किसी को अधिक चोट नहीं आई। सभी सवार किसी तरह ग्रामीणों के सहयोग से बाहर निकले। अधिक चोट नहीं आने के कारण बाद में क्रेन के सहयोग से स्कार्पियो को निकलवा अपने साथ ले गए।

ग्रामीणों के अनुसार इसके पूर्व 13 दिसम्बर की रात्रि में स्कार्पियो के पलट जाने से उसपर सवार कोचस निवासी सुरेन्द्र चौधरी की मौत हो गई थी व चार लोग घायल हो गए थे। उससे एक सप्ताह पूर्व ही अन्हारी गांव में बारात करने आए कुछ लोग स्कार्पियो से वापस लौट रहे थे कि उसी स्थल पर स्कार्पियो के पलटी मार देने से तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गारा के पूर्व मुखिया अनिल कुमार राय ने बताया कि कुछ माह पूर्व सड़क मरम्मत का कार्य हुआ है। लेकिन, पुल के दोनों छोर पर रेलिंग नहीं लगने के कारण दोन छोर की सड़क टूट गई है। जहां वाहन चालक टूटी सड़क पर ध्यान नहीं दे पाते और वाहन को लेकर नदी में गिर जा रहे है।

यदि प्रशासन या संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दिए तो कभी भी यहां गंभीर हादसा हो सकता है। इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के एसडीओ अलगू राम ने बताया कि पुल पर रेलिंग एवं दोनों छोर पर पत्थर की पुठ्ठी लगाने को लेकर कार्य योजना को तैयार कर तीन-तीन बार रिविजन करके कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में भेजा गया है। वहां से कार्य की अनुमति मिलने के साथ ही आवश्यक कार्रवाई कराते हुए कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा।


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