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राजद ने कहा-नवादा की पुलिस ने की बर्बरता, मृतक के स्‍वजनों को बेरहमी से पीटा और भेजा जेल

नवादा में राजद कार्यकर्ताओं ने आपात बैठक कर पुलिस पर अमानवीय व्‍यवहार का आरोप लगाया है। कहा है कि युवक की मौत के बाद उसके परिवार के लोगों के साथ पुलिस ने बेरहमी की। पिटाई के बाद जेल भेज दिया।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 12:49 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 12:49 PM (IST)
राजद ने नवादा पुलिस पर लगाए आरोप। प्रतीकात्‍मक फोटो

वारिसलीगंज (नवादा), संवाद सूत्र। वारिसलीगंज नगर के वार्ड संख्या 06 मुड़लाचक निवासी शंकर यादव के पुत्र चिंटू कुमार उर्फ बाला की संदिग्ध मौत के बाद शव को शुक्रवार की सुबह पीएचसी में छोड़ने की घटना के बाद पुलिस ने उल्‍टे घर में घुसकर स्‍वजनों की पिटाई कर दी। इसके बाद झूठे मुकदमे में फंंसाकर जेल भेज दिया। यह अत्‍यंत निंदनीय है। ये बातें राजद की आपातकालीन बैठक के दौरान कही गई। प्रखंड अध्यक्ष मुनेश्वर कुशवाहा की अध्यक्षता में हुई बैठक बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर घटना की निष्‍पक्ष जांच कराने और दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग की गई। 

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पुलिस की कार्यशैली अत्‍यंत निंदनीय  

राजद प्रखंड समेत जिला महासचिव सुरेंद्र यादव, नगर अध्यक्ष मिश्री यादव, दलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बालेश्वर चौधरी, विजय तांती, प्रदेश अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के महासचिव शिवशंकर राम चंद्रवंशी आदि ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया है। बैठक में कहा गया कि पीड़ित परिवार के घर में घुसकर रोती बिलखती महिलाओं और पुरुषों की पिटाई पकरीबरावां एसडीपीओ के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने की। पुलिस की पिटाई से मृतक की बहन और पिता जख्‍मी हो गए। बाद में इस जख्मी महिला को पुलिस ने शाम तक थाने में बिठा कर रखा। राजद कार्यकर्ताओं ने कहा  कि पुलिस की बर्बरता पूर्ण कार्रवाई के चलते दहशत का माहौल है।

डीजीपी से जांच कर कार्रवाई की मांग 

इस बाबत बिहार के डीजीपी से निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि करीब चार माह पूर्व बिजली ऑफिस के समीप घटी एक हृदय विदारक घटना में शिवशंकर सिंह की गला रेतकर हत्या के बाद बदमाशो ने उनकी 17 बर्षीय पुत्री को अगवा कर लिया था। पकरीबरावां एसडीपीओ मुकेश कुमार साह ने मामले का शीघ्र उद्भेदन का दावा किया था। जो पूर्णतः खोखला साबित हुआ। घटना के एक सौ दिनों बाद भी हत्यारों एवं बालिका के अपहर्ताओं को पकड़ना तो दूर घटना का सुराग तक ढूंढने में पुलिस बिफल साबित हुई है। राजद कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा है कि शिवशंकर सिंह की हत्या की तरह चिंटू की हत्या भी सिर्फ पुलिस फाइल में दबकर रह जायेगी।

बीते वर्ष हुई हत्‍या व अपहरण की गुत्‍थी आजतक नहीं सुलझा पाई पुलिस  

बता दें कि 03 जून को वारिसलीगंज थाना के क्षेत्र के चैनपुरा ग्रामीण नेपाली सिंह के पुत्र की शादी को लेकर नालंदा जिले के परवलपुर थाना क्षेत्र में बरहपुर गांव बारात गई थी। उक्त समारोह में शामिल होने के लिए मृतक को उसका साथी सह पड़ोसी भोली ने घर से बुलाकर साथ ले गया था। वाहन खुद भोली चला रहा था। कुछ लोगो की माने तो बारात जाने के  रास्ते में ही वाहन दुर्घटना के दौरान चिंटू की मौत हो गई थी। परंतु गुपचुप तरीके से मृत युवक का शव को वारिसलीगंज अस्पताल में रखकर भाग जाने से परिजन इसे हत्या करार दे रहे हैं। मृतक के पिता द्वारा हत्या की ही प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। जिसमे वाहन चालक भोली समेत चार अन्य साथी को आरोपी बनाया गया है। घटना के 48 घंटे से अधिक समय बीतने को हैं अभी तक पुलिस मामले की संदिग्धता से भी पर्दा नहीं हटा सकी है। 


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