रोहतास जिला में एनीमिया को मात दे रहीं गर्भवती महिलाएं, आंकड़ों में 16.2 प्रतिशत तक की आई कमी
National Family Health Survey रोहतास जिले में एनीमिया की दर में गिरावट दर्ज की गई है। इस बात की पुष्टि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से हुई है। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया दर 67.2 से घटकर 51 फीसद पर आ गया है।
ब्रजेश पाठक, सासाराम( रोहतास)। जिले की महिलाएं जागरूकता (Awareness) व केंद्र प्रायोजित योजनाओं (Centrally Sponsored Schemes) से एनीमिया (Anemia) जैसी बीमारी को मात दे रही हैं। इस बात की पुष्टि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (National Family Health Survey) में जारी आंकड़ों से हुई है। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया दर 67.2 से घटकर 51 फीसद पहुंच गया है। यह स्वास्थ्य विभाग को भी संतोष देनेवाली खबर है।
67.2 फीसद से घटकर 51 पहुंची एनीमिया दर
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019- 20) के ताजा आंकड़ों के अनुसार रोहतास जिले में गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से पीड़ित महिलाओं में 16.2 प्रतिशत की कमी आई है। एनएफएचएस 4 वर्ष 2015 -16 के आंकड़ों के अनुसार यहां गर्भवती महिलाओं में एनीमिया दर 67.2 फीसद थी जो वर्ष 2019- 20 के आंकड़ों के अनुसार घटकर 51 फीसद पहुंच गई है।
आंगनबाड़ी केंद्रों की रही है अहम भूमिका
गर्भवती महिलाओं में एनीमिया मे आई कमी को लेकर समेकित बाल विकास परियोजना (आइसीडीएस ) की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सुनीता कुमारी का कहना है कि सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं को हाल के वर्षों में बखूबी अंजाम दिया गया है। इसमें आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका काफी अहम रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर हमेशा गोदभराई एवं मुंह जुठाई जैसे कार्यक्रमों को संचालित कराया जाता है, जिसमें गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी दी जाती है। ताकि जच्चा और बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ रहें। कहा कि पौष्टिक आहार, जिसमें हरी साग सब्जियां, चना, दूध जैसे चीजों को खाने पर बल दिया जाता है। साथ ही एनीमिया जैसी बीमारी को दूर करने के भी उपाय बताए जाते हैं।
घरेलू चीजों के उपयोग से दूर रहेगा कुपोषण
डीपीओ ने बताया कि इसी माह जारी सर्वेक्षण आंकड़ों में अभी 16 फीसद कमी आई है । विभाग की कोशिश है कि इसमें और कमी लाई जाए। इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर चलाए जा रहे अभियान को लोगों में पालन करवाना महत्वपूर्ण है। यदि लोग पूर्ण रूप से पालन करेंगे तो एनीमिया जैसी बीमारी में और कमी आएगी। घरेलू चीजों का उपयोग कर कुपोषण पर लगाम लगाना संभव है और इसके लिए महिलाओं के साथ उनके परिवारजनों को भी जागरूक होकर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।