भभुआ: पुलिस, स्वास्थ्य व परिवहन विभाग को आईआरएडी एप से मिलेगी हादसे की सूचना, दिया जा रहा प्रशिक्षण
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार की सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर जिले में कहां कब और कैसे दुर्घटना हुई इसकी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना (आईआरएडी) एप पर इसकी जानकारी उपलब्ध होगी।
संवाद सहयोगी, भभुआ: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार की सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर जिले में कहां, कब और कैसे दुर्घटना हुई इसकी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना (आईआरएडी) एप पर इसकी जानकारी उपलब्ध होगी। एप पर छोटे-छोटे सड़क हादसों की जानकारी भी दर्ज की जाएगी। आईआरएडी एप पर पुलिस, स्वास्थ्य तथा परिवहन विभाग तीनों अलग- अलग दुर्घटना का डाटा अपलोड करेंगे। इस मामले में तीनों विभागों को प्रशिक्षण डीआरएम अमित कुमार पांडेय के द्वारा दिया जा रहा है। जिसमें किस प्रकार एप काम करेगा इसकी जानकारी दी जा रही है।
29 बिंदुओं का ब्योरा होगा दर्ज
जानकारी के मुताबिक पुलिस दुर्घटना से जुड़े करीब 29 बिंदुओं का ब्योरा दर्ज करेगी। जो एप के माध्यम से संबंधित विभाग (परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी व एनएचएआइ) के पास चला जाएगा। इस जानकारी के आधार पर शासन की एक टीम हादसों के कारणों पर रिसर्च करेगी और संबंधित विभाग उसका समाधान कराएगी। पुलिस दुर्घटना के संभावित जगहों पर जाकर लोगों को राहगीरों को जानकारी के लिए बोर्ड भी लगाएगी।
एप में इन बिंदुओं का देना होगा विवरण
एप के माध्यम से दुर्घटना की सूचना पर पहुंचे जांच अधिकारी को दुर्घटना का दिन, तारीख, समय, घटना के वक्त रोशनी की स्थिति, दुर्घटना में मौत हुई या घायल, हादसे से नुकसान, क्षतिग्रस्त वाहनों की संख्या, दुर्घटना का कारण, दोनों वाहन व उनके चालक की पूरी जानकारी, घटनास्थल का लैंडमार्क, वाहन की स्थिति, ओवर स्पीड-ओवर, ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता, सड़क की स्थित (खराब व इंजीनियरिंग के विषय में) की पूरी जानकारी के साथ एफआरआर नंबर, जांच अधिकारी का नाम आईआरएडी पर देना होगा। रियल टाइम में विवरण दर्ज करने के साथ ही संबंधित अधिकारी-अस्पताल को मोबाइल एप से सूचना भी भेजेंगे। जिससे घायल को समय पर इलाज मिल सके।
एप से मिल जाएगी सारी जानकारी
सड़क दुर्घटना के बारे में सारा डाटा उपलब्ध होगा। इसमें तीनों विभाग अपने अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे। एप पर सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग मेडिकल की व्यवस्था उपलब्ध कराएगा। पुलिस मौके पर पहुंच कर आगे की कार्रवाई करेगी, जबकि परिवहन विभाग अपने स्तर से कार्रवाई करेगा। अब सड़क हादसे में जो मौत होगी उसका भी डेटा इस एप पर अपलोड किया जाएगा ताकि उचित मुआवजा इसी एप में इंट्री होने के बाद ही मुहैया हो पाएगा।