Move to Jagran APP

प्लस-टू न्यू उच्च विद्यालय, चांदचौरा गया का 59 साल बाद भी अपना भवन नहीं

गया। जिले के सरकारी विद्यालय संसाधनों की कमी का दंश झेल रहे हैं। चांदचौरा विष्णुपद मंदिर स्थित प्लट-टू विद्यालय की स्थिति खराब है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 11:12 PM (IST)
प्लस-टू न्यू उच्च विद्यालय, चांदचौरा गया का 59 साल बाद भी अपना भवन नहीं

गया। जिले के सरकारी विद्यालय संसाधनों की कमी का दंश झेल रहे हैं। चांदचौरा विष्णुपद मंदिर स्थित प्लस टू न्यू उच्च विद्यालय का 59 साल बाद भी अपना भवन नहीं है। यह विद्यालय भूमिहीन है। यह स्व. द्वारिका लाल टाटक के निजी जर्जर मकान में संचालित हो रहा है। वर्तमान में इस विद्यालय में कुल 10 कमरे हैं, जो पूरी तरह जर्जर हैं। यहां छात्रों का नामांकन भी काफी कम है। वर्ष 2016 में विद्यालय को प्लस टू का दर्जा मिला। इसके दो साल बाद इंटर में छात्रों का आनलाइन नामांकन शुरू हुआ। विद्यालय का भवन जर्जर है, इस कारण छात्रों की संख्या कम है। पढ़ाई के लिए भी बहुत कम छात्र पहुंचते हैं। प्रधानाचार्य मो. यूसुफ ने कहा कि विद्यालय का वर्षो से अपना भवन नहीं है। भूमिहीन विद्यालय की इस समस्या से विभागीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है। छात्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर नामांकन अभियान चल रहा है। छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षक हैं अधिक :

loksabha election banner

प्लस टू न्यू उच्च विद्यालय चांदचौरा में नौवीं व दसवीं कक्षा में कुल 53 छात्र ही हैं। वहीं, 11वीं और 12वीं में कुल छात्र 186 हैं। छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षक अधिक हैं, जबकि सरकारी तौर पर 40 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए। यहां प्रधानाचार्य सहित 13 शिक्षक कार्यरत हैं। जर्जर विद्यालय भवन में कहने को तो 10 कमरे हैं, जिसमें एक कमरे में कार्यालय, एक कमरे में स्मार्ट क्लास और लाइब्रेरी चलती है। इसी प्रकार एक कमरे में प्रयोगशाला और कंप्यूटर कक्षा चलती है। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त चार कमरों में छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था की गई। बेहतर शिक्षा और सुविधा के लिए पड़ोस के विद्यालय में हो शिफ्ट :

लोगों का कहना है कि प्लस टू न्यू उच्च विद्यालय चांदचौरा के छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुविधा के लिए शिक्षा विभाग तत्काल निर्णय लेकर पड़ोस के विद्यालय में शिफ्ट करे। विद्यालय स्थापना काल से ही भूमिहीन है और निजी मकान में संचालित हो रहा है। वह भी सुविधाविहीन और जर्जर हालत में है। यहां छात्रों के लिए न ही खेल मैदान और एनसीसी है। इस कारण आसपास के बच्चे पड़ोस के विद्यालय में जाना पसंद करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.