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जेपीएन में पाइपलाइन से आक्सीजन पहुंचाने की सुविधा, पर फिजिशियन एक भी नहीं

गया राज्य सरकार ने कोरोना के घातक संक्रमण से लड़ने के लिए सभी जिला अस्पतालों को हर बुनियादी सुविधाओं से लैस रखने को कहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 11:47 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 11:47 PM (IST)
जेपीएन में पाइपलाइन से आक्सीजन पहुंचाने की सुविधा, पर फिजिशियन एक भी नहीं
जेपीएन में पाइपलाइन से आक्सीजन पहुंचाने की सुविधा, पर फिजिशियन एक भी नहीं

गया: राज्य सरकार ने कोरोना के घातक संक्रमण से लड़ने के लिए सभी जिला अस्पतालों को हर बुनियादी सुविधाओं से लैस रखने को कहा है। खासकर श्वसन तंत्र से जुड़ी जरूरतों को पूरा करना है। इस नजरिए से जिला अस्पताल के रूप में गया का जयप्रकाश नारायण अस्पताल में हाल के दिनों में कई सुविधाएं पहुंची हैं। यहां के सभी 60 बेड पर भर्ती मरीजों के लिए आक्सीजन पाइपलाइन लगा दी गई है। पिछले माह ही जिलाधिकारी ने इसका उद्घाटन किया था। एक साल में आक्सीजन की सुविधा को बेहतर करते हुए अब यहां एक साथ 14 सिलेंडर के जरिए मरीजों तक पाइपलाइन से आक्सीजन पहुंचाया जा सकता है। इसके साथ ही यहां 40 आक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध हैं। पिछले साल तक यहां पांच कंसंट्रेटर थे। जिसे बढ़ाकर सात किया गया। अब वह संख्या बढ़कर 40 तक हो गई है। इसके अलावा यहां 24 बड़ा साइज का आक्सीजन सिलेंडर है। 30 छोटा सिलेंडर है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए यहां 100 एलएमपी का आक्सीजन प्लांट लगाया जाना है। इसमें अभी देरी हो रही है। शुरूआती काम ही हुआ है। स्थल निरीक्षण किया गया है। जरूरत इस बात की है कि इस आक्सीजन प्लांट को समय रहते चालू करा लिया जाए।

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18 कार्यरत चिकित्सकों में फिजिशयन एक भी नहीं, इलाज में परेशानी

-जेपीएन अस्पताल में वैसे तो 18 चिकित्सक कार्यरत हैं। लेकिन मेडिसीन से जुड़े विशेषज्ञ फिजिशियन चिकित्सक एक भी यहां नहीं हैं। जबकि कोरोना को मुख्य रूप से सांस की बीमारी माना गया है। सांस की तकलीफ से जूझते मरीजों का इलाज करने के लिए मेडिसीन के डाक्टर का होना जरूरी होता है।

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चौबीस घंटे रैपिड जांच की सुविधा नहीं, टेक्नीशियन की कमी

-जिला अस्पताल होने के नाते यहां 24 घंटे मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन शाम 4 बजे के बाद सांस की तकलीफ वाले संदिग्ध मरीज को भर्ती लेने में चिकित्सक व कर्मी हिचकते हैं। मरीज को सीधा मेडिकल रेफर कर दिया जाता है। यहां शाम के बाद कोविड-19 जांच रैपिड एंटीजन किट से जांच की सुविधा नहीं है। इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है।

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क्या कहते हैं अधिकारी:

अस्पताल में मानव बल की कमी है। फिजिशियन चिकित्सक की बराबर कमी बनी हुई है। इससे परेशानी होती है। इसके साथ ही लैब टेक्नीशियन के नहीं रहने से भी शाम में कोविड-19 की जांच नहीं हो पाती। स्टाफ की बहुत कमी है। सभी बेड पर आक्सीजन पाइपलाइन लगा दिया गया है। आक्सीजन कंसंट्रेटर भी पर्याप्त संख्या में है। अस्पताल में आक्सीजन प्लांट भी जल्द लगने वाला है।

डा. चंद्रशेखर, उपाधीक्षक, जयप्रकाश नारायण अस्पताल, गया।

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ग्राफिक्स:

बेड की संख्या- 60

आक्सीजन के बड़े सिलेंडर - 24

आक्सीजन के छोटे सिलेंडर -30

कार्यरत चिकित्सक- 18

आईसीयू बेड- 5


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