पितृ आत्मा को अर्पित पिंड से बन रही जैविक खाद
- फोटो ---------- सफाई के साथ राजस्व -पिंड से जैविक खाद बनाने के लिए तीन मशीन विष्णुपद क्षेत्र एवं दो मशीन अक्षयवट पिंडवेदी के पास लगी ------------ -जैविक खाद बनाने वाली मशीन नगर निगम छह माह पहले 50 लाख में खरीदी थी पांच और मशीने शीघ्र लगेंगी जागरण संवाददाता गया
गया । पितृपक्ष मेला प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में पिंडदानी तर्पण एवं कर्मकांड कर रहे हैं। कर्मकांड में पिंड का काफी महत्व है। दान के बाद पिंड को नदी एवं सरोवरों में प्रवाह कर दिया जाता था। लेकिन इस बार पिंड से जैविक खाद बनाई जा रही है। पिंड से जैविक खाद बनाने के लिए तीन मशीन विष्णुपद क्षेत्र एवं दो मशीन अक्षयवट पिंडवेदी के पास लगी हैं। जैविक खाद बनाने वाली मशीन नगर निगम छह माह पहले 50 लाख में खरीदी थी। नगर निगम सहायक अभियंता शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक मशीन में पांच-पांच सौ किलो का पिट डाला जाना है। चार दिनों में अभी तक कुल एक हजार किलो पिंड प्राप्त हुआ है। एक-दो दिनों में मशीन पिंड से भर जाएगा। उसके बाद पिंड से जैविक खाद बनने लगी।
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एक घंटे में बन रही
दो सौ किलो खाद
मशीन से एक घंटे में दो सौ किलो जैविक खाद तैयार होगी। मशीन से खाद बनने के बाद थोड़ी देर तक धूप में सूखाया जाएगा। उसके बाद पैक कर कृषि विभाग को दिया जाएगा। नगर निगम कृषि विभाग को छह रुपये प्रति किलो खाद बेचेगा।
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किसानों के जीवन में
आएगी हरियाली
पिंड से जैविक खाद बनाने का नगर निगम का मुख्य उद्देश्य आस्था का सम्मान करना है। पहले पिंड को जहां-तहां छोड़ दिया जाता था। इससे गंदगी भी फैलती थी। मशीन के लगने से सफाईकर्मी पिंड को उठाकर खाद बनाने के लिए ले जाते हैं। गीले पिंड से जैविक खाद बनाने कार्य चल रहा है। पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद बनने से किसानों से कम दाम में खाद मिलेगी।
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पिंडदान सामग्री से जो जैविक खाद तैयार हो रही है उसे किसान कृषि कार्य के उपयोग में ला सकते हैं। जैविक खाद बनाने के लिए दस मशीनों के लिए आवंटन भेजा गया था। इनमें से पांच मशीन मिल गई है। शेष मशीन और आने की उम्मीद है। आने वाली मशीन केदारनाथ मार्केट सहित अन्य स्थानों लगाई जाएंगी।
अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी