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Gaya: कर्फ्यू की पहली रात लोग दिखे बेफिक्र, आधा शटर खोलकर चलती रही दुकानदारी, पुलिस भी निष्क्रिय

ज्ञान और मोक्ष की नगरी गया में कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है। काफी संख्‍या में लोग संक्रमित हैं। इस बीच रात्रिकालीन कर्फ्यू की पहली रात दैनिक जागरण की टीम ने शहर का जायजा लिया। इस दौरान जो दृश्‍य दिखा वह चिंताजनक था।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 06:39 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 06:39 AM (IST)
Gaya: कर्फ्यू की पहली रात लोग दिखे बेफिक्र, आधा शटर खोलकर चलती रही दुकानदारी, पुलिस भी निष्क्रिय
कोरोना कर्फ्यू की पहली रात नहीं दिखा व्‍यापक असर। प्रतीकात्‍मक फोटो

कमल नयन, गया।  सोमवार का सूर्य अस्त हो गया है। रात्रि की पहली पहर शुरु हो गई। रात के नौ बज गए हैं। कोरोना की दूसरी भयावह लहर की पहली कर्फ्यू वाली रात है। कर्फ्यू का जायजा लेने निकले। चार थाना क्षेत्रों का जायजा हमनें लिया। इस दौरान कई जगहों पर नाइट कर्फ्यू का कोई असर नहीं दिखा। पुलिस तो दिखी ही नहीं। शहर के उत्‍तरी इलाके छोटकी डेल्हा की सडक़ पर ट्रैक्टर की आवजाही में कोई पाबंदी नहीं दिखी। सड़कों पर डल्ला पटकते उनकी रफ्तार में कहीं से कोरोना का डर नहीं है। यह डेल्हा थाना का क्षेत्र है, जहां की पुलिस दिन में तो दिखती है रात में नहीं दिखी। गांधी मोड़ से के डाक बाबा मोड से दक्षिण एक कनेक्टिंग सडक ढलती है। लाल पीली साड़ी पहने चुनरी का दुपट्टा डाले एक दर्जन महिला मंगल गीत गाती जा रही थीं। उनके आगे आगे पथप्रदर्शक के रुप मे ढोल बजाता एक अधेड़ भी चल रहा था। कहीं कोई खौफ इस संगीत की पदयात्रा में नही दिखी। 

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बेफिक्र दिखे लोग, पुलिस भी निष्क्रिय

वागेश्वरी मंदिर के परिसर मे छाया अंंधेरा बंदी का एहसास करा रहा था। पर, बाहर की चौकी पर बातचीत में हंसते लोग कर्फ्यू को चिढ़ा रहे थे। और तो और, आगे रेलवे का फाटक बंद था। पश्चिमी की सडक पर पुलिस की एक गश्ती वाहन खडी थी। कुछ पुलिस वाले आने वाले ट्रेन की और देख रहे थी। तभी, चार बाइक सवार उत्तर की दिशा से आकर रुकते है। आपस में कुछ बात शुरु ही करते हैं कि उनकी नजर पुलिस पर पडती। एक बोला-अरे,  पुलिस हउ, मास्क लगाओ। दूसरे का झट सा जबाव था- ओ कौन लगलैक है। फिर ठहाका और फाटक खुलते ही , सभी चल दिए। गाडियों की पहले निकलने के शोर में गुम हो गया था कर्फ्यू।

आधा शटर खोलकर चल रही थी दुकानदारी

सेंट्रल स्कूल से दक्षिण मोड पर कोतवाली थाना क्षेत्र में आ गए। यह तीखा मोड है। लेकिन कोई गश्ती वाहन नही दिखा। स्टेशन के सामने सडक की बत्ती गुल थी। कर्फ्यू है। ऐसा लगा। लेकिन ये क्या.. दुकानदारी का नया तरीका। दुकान के आगे सभी लाइटें बंद कर आधा शटर खोलकर दुकानदारी हो रही थी। स्टेशन के मेन गेट से दक्षिण की ओर बढते है। होटल आधे शटर में खुली थीं। अंदर खान पान भी चल रहा था। कही पुलिस नहीं दिखी। जबकि रोज रहती थी। लगता है कर्फ्यू का खाकी के साथ काला सेंटिंग यहां हो गया। सड़कों पर आवाजाही सामान्य से भी कुछ ही कम कही जा सकती है।

सन्‍नाटा तो पसरा था लेकिन नहीं दिखी पुलिस

शनिमंदिर व बाटा मोड की घुमावदार सडक गश्ती वालो के लिए खास बन गया है। कर्फ्यू की पहली रात को यहां सन्नाटा पसरा था। धीरे धीरे स्वराज पुरी रोड होते सीविल लाइन थाना क्षेत्र में आते है तो काशी नाथ मोड़ पर भी पुलिस नहीं दिखी। घडी की सुई साढे़ नौ से उपर को हो चली थी। कचहरी रोड में इक्का दुक्का वाहन आ जा रहे थे। राजेन्द्र आश्रम से मंगलागौरी क्षेत्र तक विष्णुपद थाना क्षेत्र में भी घुघरीटांड बाईपास तक एक भी गश्ती वाहन नहीं मिला। कर्फ्यू की पहली रात कट गई। पौ फटने को है... मंगलवार की मंगल कामना के साथ अभिनंदन करें।

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