सीआरपीएफ की जगह अब एसएसबी की पोस्टिंग, जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ संभाला मोर्चा
औरंगाबाद के भलुआही से सीआरपीएफ कैंप के छत्तीसगढ जाने के बाद एसएसबी जवानों ने यहां पर मोर्चा संभाल लिया है। इस क्रम में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पहाड़ों और जंगलों में जवान गश्त लगा रहे हैं।
जेएनएन, औरंगाबाद। नक्सलियों से निपटने के लिए अब एसएसबी को लगाया गया है। इस क्रम में नक्सल प्रभवित ढिबरा थाना क्षेत्र के भालुआही कैंप में सीआरपीएफ की जगह अब एसएसबी के सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। सीआरपीएफ जवानों के स्थानांतरण के साथ ही एसएसबी ने अपनी ड्यूटी शुरू भी कर दी है। जांच अभियान चलाया जा रहा है।
सीआरपीएफ के बटालियन का छत्तीसगढ़ तबादला- इस कैंप में पूर्व से तैनात सीआरपीएफ 153 बटालियन के जवानों को छत्तीसगढ़ भेज दिया गया है। सीआरपीएफ के इस बटालियन के जाने के बाद एसएसबी के जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है। सर्च ऑपरेशन भी शुरू कर दिया गया है। जब इस कैंप में सीआरपीएफ की तैनाती थी तो कैंप के आस पास जंगल और पहाड़ पर प्रत्येक दिन नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया जाता था। सीआरपीएफ की वजह से इलाके में शांति कायम हुई थी। लोगों का भरोसा कायम हुआ था। अब सीआरपीएफ के जाने के बाद यह जिम्मेदारी एसएसबी के जवानों पर है। एसएसबी के जवानों ने भी कैंप में तैनात होते ही नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। जवानों ने सोमवार को ढिबरा थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार के साथ इलाके में सड़कों की डीमाइनिंग की। इलाके की स्थिति को जाना। हैंड डिडेक्टर मशीन से सड़कों एवं पुल-पुलियों की जांच की।
झारखंड के सीमावर्ती इलाके को माना जाता है नक्सलियों का जोन- थानाध्यक्ष ने बताया की एसएसबी के साथ समन्वय बनाकर नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी रखा जाएगा। एसएसबी की तैनाती होने से नक्सलियों को दबोचने में काफी मदद मिलेगी। इलाके के जंगल और पहाड़ पर सर्चिंग करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। बता दें की कैंप के आसपास का इलाका जो जंगल और पहाड़ है नक्सलियों का जोन माना जाता है। यह झारखंड के पलामू जिला का सीमा क्षेत्र है। यहां नक्सलियों की सक्रियता के कारण ही सीआरपीएफ कैंप खोला गया था। इसका असर भी हुआ। लेकिन अब एसएसबी के जवान इस कार्य में लगाए गए हैं। एसएसबी को नक्सलियों के खिलाफ काफी अहम माना भी जाता है।