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औरंगाबाद के 30 बेड वाले रेफरल अस्पताल में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं, क्‍या ऐसे मिलेगी कोरोना पर जीत

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले से आक्सीजन सिलेंडर एवं आक्सीजन कंसंट्रेटर की और मांग की गई है। तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों एएनएम तथा आशाओं को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 05:32 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 05:32 PM (IST)
औरंगाबाद के 30 बेड वाले रेफरल अस्पताल में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं, क्‍या ऐसे मिलेगी कोरोना पर जीत
औरंगाबाद रेफरल अस्‍पताल में ऑक्‍सीजन कंस्‍ट्रेटर दिखाते डॉक्‍टर। जागरण।

संवाद सूत्र, नवीनगर (औरंगाबाद)। एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है।  वहीं दूसरी तरफ 30 बेड वाले रेफरल अस्पताल में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। इतना ही नहीं नवीनगर स्थित रेफरल अस्पताल में अभी तक कोई तैयारी नहीं हुई है। यहां न तो बेड की स्थिति में सुधार हुआ है न हीं अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड है। आइसोलेशन वार्ड नहीं रहने के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज तड़पते रहते हैं। अस्पताल के किसी भी वार्ड में पाइप लाइन से आक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है।

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अस्पताल में चिकित्सक व एएनएम की है कमी

रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों व एएनएम के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों की घोर किल्लत है। जहां अस्पताल में चिकित्सकों का कुल सात पद सृजित है। वहां वर्तमान में तीन चिकित्सक कार्यरत है। उसमें भी दो संविदा पर कार्य कर रहे हैं। एक प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी एमबीबीएस हैं। वे भी अब एक दो महीने में सेवानिवृत हो जाएंगे। यही हाल एएनएम का है। कुल 53 पद अस्पताल में एएनएम का सृजित है। उसमें 34 एएनएम कार्यरत हैं। ड्रेसर एक भी नहीं है। ड्रेसर का काम अस्पताल का चर्तुथ वर्गीय कर्मी करता है।

अस्पताल में सात सिलिंडर व तीन आक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अस्पताल में सात आक्सीजन सिलिंडर है, जबकि तीन आक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि हम लोगों को शहरी क्षेत्रों में 17,844 लोगों को कोविड-19 का टीका देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 31 जुलाई तक हमने 18541 लोगों को फस्र्ट डोज का टीका लगा दिया है।

प्रभारी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले से आक्सीजन सिलेंडर एवं आक्सीजन कंसंट्रेटर की और मांग की गई है। तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, एएनएम तथा आशाओं को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भले ही मान रहें हैं कि अस्पताल में तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है। 

तीसरी लहर के आने तक कंट्रोल किया जा सके। प्रभारी ने बताया कि अस्पताल एएनएम, डाक्टर इन स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से जूझ रहा है। कई बार जिले से डाक्टर, एएनएम तथा स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की मांग की गई है, लेकिन अभी तक न तो डाक्टर की प्रतिनियुक्ति हुई है न हीं एएनएम की।


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