बागेश्वरी में ओवरब्रिज नहीं होने से पटना-दिल्ली जाने वाले भी परेशान
फोटो- (बड़ा मुद्दा) - वर्षो से हो इंतजार रेलवे गुमटी पर कब बनेगा ओवरब्रिज इस रेलखंड पर 100 से ज्यादा हैं एक्सप्रेस पैसेंजर एवं मालगाड़ी ट्रेनें गुजरती हैं अप-डाउन लाइन से अमूमन बंद रहती है गुमटी
[सुभाष कुमार] गया
गया जंक्शन के समीप बागेश्वरी गुमटी पर ओवरब्रिज नहीं होने से वर्षो से लोग जाम की समस्या से त्रस्त हैं। यह सिर्फ गया के लोगों की समस्या नहीं है। पटना जाने का मुख्य मार्ग यही है। सड़क मार्ग से कोलकाता, झारखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली जाने वालों के लिए भी यही मार्ग है।
बागेश्वरी गुमटी होकर ही पटना-गया-डोभी मुख्य सड़क मार्ग है। डोभी होकर ही नेशनल हाइवे है। दूसरी ओर पटना का हाइवे। लेकिन रेलवे गुमटी हर पंद्रह-बीस मिनट पर बंद होती रहती है, जिसके कारण दोनों ओर जाम लगता है।
इस सड़क मार्ग से सुबह से लेकर रात तक सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियों का आवागमन होता है, लेकिन रेलवे फाटक ज्यादातर बंद रहने के कारण हर रोज 24 घंटे जाम की समस्या रहती है। शहर इससे त्रस्त है। यहां आज तक ओवरब्रिज नहीं बना, जबकि वाहनों के आवागमन का यही मुख्य मार्ग है। यह यहां का बहुत बड़ा मुद्दा है।
यह गया से पटना जाने का मुख्य सड़क मार्ग भी है। यहां रेल ओवरब्रिज बनाने के लिए जनवरी में स्थल निरीक्षण किया गया था। मिट्टी के नमूने की भी जांच की गई थी, लेकिन यह यहीं तक सीमित रहा। ओवरब्रिज कब बनेगा, यह बताने को कोई तैयार नहीं। यहां ओवरब्रिज बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किया। गया में जब भी रेलवे के महाप्रबंधक और डीआरएम का दौरा होता है तो इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधयों के द्वारा ज्ञापन दिया जाता है।
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24 घंटों में 144 बार बंद होता है फाटक
बागेश्वरी गुमटी पर रेल फाटक एक घंटे में छह बार बंद होता है। यानी 24 घंटे में 144 बार। इससे यहां आवागमन कितना प्रभावित होता है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ट्रेनें के आने-जाने के कारण करीब 10 मिनट पर उठता और गिरता है। इस कारण जाम की समस्या से लोगों को गुजरना पड़ता है।
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सौ से अधिक मालगाड़ियों का परिचालन
हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंडकॉर्ड रेलखंड होने को लेकर मालगाड़ी का भी बड़ी संख्या में परिचालन होता है। अप-डाउन लाइन पर करीब 100 एमटी एवं मालगाड़ी गुजरती है। रेल फाटक बंद होने से सुबह में स्कूली बच्चों को परेशानियों का सामना और समय पर स्कूल नहीं पहुंचने की चिंता लगी रहती है।
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हो चुकी है कई दुर्घटना
जिस समय फाटक बंद रहता है, पैदल और दोपहिया वाहन वाले रेल ट्रैक पार कर बगल से निकलते हैं। यह हर दिन की कहानी है। इस कारण हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। वहीं, स्कूल की छुट्टी के समय भी कुछ देर के लिए फाटक बंद रहने से बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोग देर तक फाटक बंद रहने के कारण ट्रैक पार करने लगते हैं और इसी दौरान ट्रेन आ जाने से उसकी चपेट में भी आ जाते हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है। गुमटी खुलते ही दोनों ओर वाहनों का भयंकर दबाव होता है।
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शाम चार से आठ बजे रात तक सबसे ज्यादा परेशानी
बागेश्वरी गुमटी पर शाम चार बजे से रात आठ बजे तक सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इस समय ट्रेनों का परिचालन भी सबसे ज्यादा होता है। इस कारण फाटक ज्यादातार बंद मिलता है। इससे शहर से बाहर जाने वाले वाहनों को जाम से गुजरना पड़ता है। इस समय रेलकर्मी भी परेशान हो जाते हैं। अगर, बैरियर उठा दिया तो तो गिराना काफी मुश्किल होता है। जाम लगा रहता है और रेलवे फाटक उठाना काफी परेशानी भरा होता है। ट्रेन का लाइन क्लीयर मांगने के बाद भी जाम के कारण फाटक उठा रहता है। इस कारण कई बार ट्रेन को आउटर पर रोककर लोगों को पार कराया जाता है।
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..तो शहर को मिलेगी जाम से मुक्ति
यहां ओवरब्रिज बन जाने से न सिर्फ शहर को जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि सैकड़ों वाहनों के आवागमन में भी काफी सहूलियत हो जाएगी। यहां अक्सर फाटक बंद रहने के कारण स्कूली बच्चों को भी हर दिन परेशानी होती है। ओवरब्रिज बन जाने से इधर से गुजरने वाले सैकड़ों वाहनों को तो सुविधा होगी ही, आसपास की पचास हजार की आबादी को भी काफी सहूलियत हो जाएगी। इसमें जिसमें कॉटन मिल, छोटकी नवादा, डेल्हा, खरखुरा, प्रेतशिला, रामशिला, लोको कॉलोनी, गोविंदपुर, दाराचक, हबीपुर, कोरमा आदि के इलाके शामिल हैं।
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क्या कहते हैं अधिकारी
रेल थानाध्यक्ष कमल किशोर सिंह ने बताया कि ट्रेनों के काफी अधिक परिचालन के कारण बागेश्वरी गुमटी पर दबाव होता है। इसके आसपास कई दुर्घटना भी हो चुकी है। गुमटी के अगल-बगल में भी रेल ट्रैक पार करने में दुर्घटना होती है। ट्रेन के गया जंक्शन पहुचने से पहले गुमटी के पास घुमावदार रेल ट्रैक है। वहां ट्रेन धीमी होती है तो इस क्रम में आउटर पर उतरने के चक्कर में भी दुर्घटना होती है।