Move to Jagran APP

धरी रह गई निर्मल निरंजना योजना

बोधगया में प्रवाहित निरंजना नदी के प्रति बौद्ध धर्मावलंबियों की विशेष आस्था जुड़ी है। इसी नदी को पार कर राजकुमार सिद्धार्थ तत्कालीन उरूवेल वन (वर्तमान बोधगया) पहुंचे थे और कठिन तप के बाद संबोधि लाभ की प्राप्ति की थी। आज भी विशेषकर जापानी पर्यटक इस नदी को नमन कर बालू साथ ले जाते हैं। जलविहीन निरंजना नदी में जगह-जगह झाड़ उग आए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 06:19 PM (IST)
धरी रह गई निर्मल निरंजना योजना

विनय कुमार मिश्रा, बोधगया

loksabha election banner

बोधगया में प्रवाहित निरंजना नदी के प्रति बौद्ध धर्मावलंबियों की विशेष आस्था जुड़ी है। इसी नदी को पार कर राजकुमार सिद्धार्थ तत्कालीन उरूवेल वन (वर्तमान बोधगया) पहुंचे थे और कठिन तप के बाद संबोधि लाभ की प्राप्ति की थी। आज भी विशेषकर जापानी पर्यटक इस नदी को नमन कर बालू साथ ले जाते हैं। जलविहीन निरंजना नदी में जगह-जगह झाड़ उग आए हैं।

नदी को स्वच्छ और संरक्षित करने की पहल स्थानीय युवकों ने नवंबर 2014 में की थी। इसमें रोटरी क्लब, एनजीओ एसोसिएशन, होटल एसोसिएशन और 17 वें करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजे की भूमिका सराहनीय रही। तामझाम के साथ इसका शुभारंभ आदि शंकराचार्य मठ के पूर्वी द्वार पर कराया गया था, जिसमें सांसद हरि मांझी, विधान पार्षद डॉ. कृष्ण कुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों तथा काफी संख्या में स्थानीय लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। बाद में 17 वें करमापा के सहयोग से 20-25 दिनों तक जेसीबी से निरंजना नदी में उगी झाड़ियों की सफाई की गई थी। बाद में योजना पर राजनीति होने लगी और फिर सिरे नहीं नहीं चढ़ी।

वहीं, फल्गु की भांति भी निरंजना नदी में भी गंदे नाले बहाए जा रहे हैं। इस पर रोक लगाने के नगर पंचायत स्तर से कोई ठोस पहल नहीं की गई। नदी तट पर घनी आबादी बसी है। बोधगया के बजरंग मोड़ के पास, सिढि़या घाट व सुजाता पुल के समीप नदी तट पर बने घरों का गंदा पानी निरंजना में गिराया जाता है। इसमें मठ और सरकारी भूखंड का अतिक्रमण भी किया गया है। अतिक्रमण को कुछ वर्ष पहले अंचल कार्यालय द्वारा चिह्नित किया गया था। बाद में अंचल कार्यालय से ही क्लिन चीट दी गई।

---

निर्मल निरंजना योजना निष्पक्ष रूप से आम लोगों को जोड़कर सफल करने की थी, लेकिन इसमें भी राजनीति होने लगी। इसके कारण यह फलीभूत नहीं हो सका।

कृष्ण कुमार पांडेय, भाजपा कार्यकर्ता, बोधगया

---

निरंजना नदी में गंदे पानी का बहाव न हो, इसके लिए नदी तटीय वार्ड में नाला निर्माण की योजना को स्वीकृति दी गई थी। लेकिन योजना को मूर्तरूप नहीं दिया जा सका।

सुरेश सिंह, अध्यक्ष, टूर एंड ट्रेवल एसोसिएशन, बोधगया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.