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वैश्विक होने के बावजूद स्थानीय जरूरतों के अनुकूल होना आवश्यक : उप गवर्नर

बोधगया एक बिजनेस लीडर के लिए यह सर्वोपरि है कि वह परिवर्तन के लिए तैयार रहे। नई संभावनाओं का पता लगाने के लिए तैयार रहे और नए विचारों को स्वीकार करें।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 11:09 PM (IST)
वैश्विक होने के बावजूद स्थानीय जरूरतों के अनुकूल होना आवश्यक : उप गवर्नर
वैश्विक होने के बावजूद स्थानीय जरूरतों के अनुकूल होना आवश्यक : उप गवर्नर

बोधगया : एक बिजनेस लीडर के लिए यह सर्वोपरि है कि वह परिवर्तन के लिए तैयार रहे। नई संभावनाओं का पता लगाने के लिए तैयार रहे और नए विचारों को स्वीकार करें। उक्त बातें मंगलवार को आइआइएम बोधगया के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के उप गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कही। दीक्षांत समारोह का ऑनलाइन आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से किया गया। उदय कोटक ने दीक्षांत समारोह के औपचारिक प्रारंभ की घोषणा की। संस्थान की निदेशक डॉ. विनिता सहाय द्वारा संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट पेश करने और अकादमिक वर्ष 2020-21 में संस्थान के प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी गयी। दीक्षांत समारोह में एमबीए 2018-20 बैच के कुल 66 छात्रों और एमबीए 2019-21 बैच के 109 छात्रों को उनकी एमबीए डिग्री प्रदान की गई।

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उप गवर्नर राव ने युवा छात्रों को कार्यस्थल में अनिश्चितता, मतभेदों और बदलाव को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया।7 ऐसा ²ष्टिकोण कठिन परिस्थितियों को संभालने और तूफानों का सामना करने में मदद करता है। राव ने विभिन्न सफल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उदाहरण दे कर उत्पादों को स्थानीय मार्केट के अनुरूप बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने 2008 के वित्तीय संकट के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे उन्होंने सीखा कि सब कुछ वैश्विक होने के बावजूद, स्थानीय जरूरतों के अनुकूल होना आवश्यक है। उन्होंने विभिन्न स्तरों पर सहयोग और टीम वर्क के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया और निर्णय लेने में सामूहिक चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा जी -20, बीआईएस, ग्लोबल मार्केट्स ग्रुप, इत्यादि में विभिन्न समितियों, चर्चाओं और मंचों का हिस्सा होने के नाते हमने आरबीआई में सहयोग-नीति में अथाह मूल्य देखा है। उन्होंने बताया कि कैसे एक केंद्रीय बैंक के रूप में पारदर्शिता की आवश्यकता और सूचना की संवेदनशीलता को संतुलित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। संचार पर ध्यान केंद्रित करना पर्याप्त नहीं है दूसरों को सुनना संचार का उतना ही महत्वपूर्ण पहलू है। अंत में सभी स्नातक छात्रों की सफलता की कामना की। निदेशक डॉ. सहाय ने कहा कि भविष्य के बिजनेस लीडर्स की नींव तैयार करने के लिए शैक्षणिक सत्र 2021-22 से पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आईपीएम) शुरू होने जा रहा है। संस्थान ने दुनिया भर के प्रसिद्ध बिजनेस स्कूलों और विश्वविद्यालयों के साथ छात्र विनिमय, फैकल्टी मोबिलिटी और अनुसंधान के लिए समझौते किये 7 छात्रों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के लिए मैकिन्से एंड कंपनी, टाटा पावर, म्यूसिग्मा, कोटक महिद्रा बैंक लिमिटेड, बीएनवाई मेलॉन, अल्ट्राटेक जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ है। संस्थान ने अपने माइंडफुलनेस सेंटर की शुरुआत की। 14 वें दलाई लामा, परम पावन के आशीर्वाद के साथ समत्वम : द माइंडफुलनेस सेंटर 14 जनवरी 2020 से प्रारंभ हुआ।

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विशेष पुरस्कार से सम्मानित हुए छात्र

एमबीए बैच 4 (2018-20) के

चेयरमैन स्वर्ण पदक- अंचित कुमार

निदेशक स्वर्ण पदक - अभिषेक पांडा

सर्वश्रेष्ठ छात्र पुरस्कार - रवि शंकर बरनवाल

एमबीए बैच 5 (2019-21) के

अध्यक्ष का स्वर्ण पदक- कुंज त्रिपाठी

निर्देशक का स्वर्ण पदक - मोहित मित्तल

सर्वश्रेष्ठ छात्र पुरस्कार - मनुधने अभिषेक प्रफुल्ल


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