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Bihar: गया में फेल हुई नक्सलियों की साजिश, दो हजार कारतूस व विस्फोटक बरामद; पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

Naxalites in Gaya गया-औरंगाबाद के सीमावर्ती क्षेत्र शिकारी कुआं के पास जंगल से CRPF जवानों ने 5 IED बरामद किए हैं। सभी IED 150 से 200 मीटर के दायरे में लगाए गए थे और एक ही वायर से कनेक्ट किए गए थे ताकि ब्लास्ट घातक और जबरदस्त तरीके से हो।

By neeraj kumarEdited By: Ashish PandeyWed, 08 Feb 2023 09:06 AM (IST)
Bihar: गया में फेल हुई नक्सलियों की साजिश, दो हजार कारतूस व विस्फोटक बरामद; पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
गया पुलिस के सर्च ऑपरेशन में भारी मात्रा में बरामद कारतूस एवं हथियार

जागरण संवाददाता, गया: जिले में सुरक्षाबलों की सक्रियता से नक्सलियों की साजिश विफल कर दी गई है। सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में नक्सलियों के बंकर को भी ध्वस्त कर दिया गया है। इस दौरान नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए कई आईईडी को सुरक्षाबलों ने मंगलवार को डिफ्यूज कर दिया। सीआरपीएफ, कोबरा और गया पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में दो हजार कारतूस व अन्य विस्फोटक सामान मिला है।

गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि गया और औरंगाबाद के सीमावर्ती क्षेत्र शिकारी कुआं के पास घने जंगल से सीआरपीएफ के जवानों ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए पांच आईईडी बरामद किए हैं। बरामद किए गए सभी आईईडी 150 से 200 मीटर के दायरे में लगाए गए थे। इसमें से एक 11 केजी का आईईडी और चार केन बम बताए जा रहे हैं। नक्सलियों ने सभी आईईडी को एक ही वायर से कनेक्ट किया था, ताकि ब्लास्ट घातक और जबरदस्त तरीके से हो। सभी बरामद आईआईडी को सुरक्षाबलों ने प्राप्त स्थल पर ही डिफ्यूज कर दिया।

अधिक नुकसान पहुंचाने के लिए चट्टान के नीचे प्लांट किया था IED

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ की टीम सर्च अभियान में जुटी थी, और गया के डुमरिया व औरंगाबाद से सटे क्षेत्र में कार्रवाई चल रही थी। ऑपरेशन के तहत शिकारी कुआं के जंगल में सीआरपीएफ के जवान बम निरोधक दस्ते के साथ सर्च अभियान चलाते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी क्रम में सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों के बने बंकर से कुछ ही दूरी पर पहुंचे, तो शिकारी कुआं के पास सुरक्षाबलों की नजर वहां पड़े प्लास्टिक के दो-तीन रैपर्स पर पड़ी।

इसके बाद जब सुरक्षा बलों ने उक्त स्थान के चारों तरफ सर्च अभियान चलाया तो जंगल से पांच आईडी बम बरामद किए गए। बताया गया कि सभी आईईडी को बड़े चट्टान के नीचे प्लांट किया गया था। नक्सली ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि सुरक्षा बल के जवान गश्त के दौरान आराम करने के लिए चट्टानों का ही सहारा लेते हैं। अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से ही नक्सलियों ने बम को चट्टान के नीचे प्लांट किया था, किंतु सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के मंसूबे को नाकाम कर दिया।