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Nawada: अमीरों का घर पक्का, गरीबों को लग रहा धक्का; यहां के पंचायतों में इंदिरा आवास का हाल-बेहाल

संजय तांती की पत्नी कहती नजर आ रही है कि इंदिरा आवास को लेकर कई बार संबंधित विभाग के पदाधिकारी बीडीओ साहब के पास गया। परन्तु उनके दरबारियों ने यह कह कर भगा दिया कि गांव वालों से झगड़ा हो गया है। जो यहां चले आते हो।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 02:52 PM (IST)
कोशी-रूखी पंचायत के रूखी गांव निवासी संजय ताती और उनकी पत्‍नी। जागरण।

संवाद सूत्र, रोह (नवादा)। प्रखंड में कमोवेश सभी पंचायतों में इंदिरा आवास हाल बेहाल है। जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध ना करा कर अमीरों के पक्का मकान को ही इंदिरा आवास की राशि से चमकाने का काम हो रहा है। इंदिरा आवास में व्याप्त अनियमितता को लेकर कोसी-रूखी पंचायत की एक गरीब जनता की दास्तान  सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

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इसमें पीड़ित व्यक्ति स्थानीय मुखिया से लेकर प्रशासन को कोसते नजर आ रहे हैं। यूं कहें तो कोशी-रूखी पंचायत के रूखी गांव निवासी संजय ताती की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक-एक शब्द वर्तमान व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। इस वायरल वीडियो को एक स्थानीय लोजपा नेता द्वारा शूट किया गया है। उनके द्वारा भी व्यवस्था पर चोट किया गया है।

वायरल वीडियो में संजय तांती की पत्नी कहती नजर आ रही है कि इंदिरा आवास को लेकर कई बार संबंधित विभाग के पदाधिकारी बीडीओ साहब के पास गया। परन्तु उनके दरबारियों ने यह कह कर भगा दिया कि गांव वालों से झगड़ा हो गया है। जो यहां चले आते हो। गांव वालों से मिलकर रहो तुम्हारा काम हो जाएगा। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पहले खर्चा की मांग करने की भी बात करती है। साथ ही कहा कि पैसा नहीं रहने के कारण ही आज तक इंदिरा आवास नहीं मिल सका है।

गांव के कुछ लोगों का नाम लेकर कहती है कि उसका पहले से ही पक्का मकान हैं। वाबजूद इंदिरा आवास मिल गया। यह सब देख मेरा कलेजा फट जाता है। मेरे पास रहने को ठीक से कच्चा मकान भी नहीं है। किसी तरह मेहनत मजदूरी कर बाल-बच्चों का पेट पाल रहा हूँ। चाहे लोग जो कहें परन्तु महिला व उसके पति के बातों में काफी दम है। प्रखंड के कुंज, मरूई, समरीगढ़, ओहारी, डुमरी, भीखमपुर सहित अधिकांश पंचायतों में उन्हीं लोगों को इंदिरा आवास मिल रहा है। जिनको पहले से ही पक्का मकान है। वही पुराने मकान का रंग-रोगन कर राशि का बंदर बांट कर लिया जाता है। और सच्चे लाभुक लाभ से वंचित होकर सरकारी व्यवस्था की ओर मुंह ताकते रह जाते हैं।और इनकी हकमारी हो जाती है। जिसके कारण संबंधित अधिकारियों की खूब चांदी कट रही है।

प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार अश्विनी ने कहा कि दैनिक जागरण ने मुझे मामले की जानकारी दी है। इसकी जांच की जाएगी। अगर मामला सही पाया गया तो दोषी अधिकारियों के साथ-साथ लाभुकों पर भी कानूनी कार्यवाई करते हुए राशि जब्त की जायेगी। साथ ही पीड़ित व्यक्ति का नाम प्रतीक्षा सूची में रहेगा और आवास लेने की मापदंड को पूरा कर रहा होगा तो उसे अवश्य ही आवास उपलब्ध कराया जाएगा।


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