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नवादा जेल में बंद हत्‍यारोपित की मौत, बेटे ने कहा-जेल प्रशासन की लापरवाही से गई पिता की जान

नवादा मंडल कारा में बंद एक हत्‍यारोपित की मौत मंगलवार को हो गई। सदर अस्‍पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया है कि सुबह में रेफर किए जाने के बावजूद उन्‍हें अस्‍प्‍ताल से भेजा नहीं गया।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 06:57 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 06:57 AM (IST)
नवादा जेल में बंद हत्‍यारोपित की मौत, बेटे ने कहा-जेल प्रशासन की लापरवाही से गई पिता की जान
नवादा मंडल कारा के एक बंदी की मौत। फाइल फोटो

नवादा, जागरण संवाददाता। नवादा मंडल कारा के एक बंदी की मौत मंगलवार को हो गई। मृतक कैदी महेश सिंह पकरीबरावां प्रखंड के डोला गांव के निवासी थे। महेश सिंह हत्‍या के मामले में जेल में करीब 16 वर्षों से बंद था। मौत के बाद स्वजनों ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा है कि रेफर किए जाने के बावजूद महज वाहन उपलब्‍ध नहीं कराने के कारण  उन्‍हें बाहर नहीं ले जाया जा सका इस कारण  उनकी मौत हुई है। हालांंकि जेल प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताया है। कहा है कि किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई।   

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हत्‍या के मामले में 16 वर्ष से जेल में 

मृतक महेश सिंह के पुत्र राहुल कुमार ने बताया कि 2005 में हत्या के मामले में पिता को गिरफ्तार किया गया था, तब से जेल में ही थे। इस क्रम में सात जून की रात को अचानक उनकी तबीयत ज्‍यादा बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया। वहां इलाज के बाद स्थिति देखकर डॉक्टर ने उन्हें रेफर कर दिया, लेकिन उन्‍हें दूसरे अस्‍पताल ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके कारण समय पर पिता को दूसरे अस्‍पताल नहीं ले जाया जा सका और उनकी मौत हो गई।राहुल ने बताया कि उन्‍हें सुबह छह बजे ही रेफर किया गया था लेकिन शाम तक जेल प्रशासन ने वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण इलाज में विलंब हुआ।

जेल प्रशासन ने नहीं किया कोई विलंब 

इधर, काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि वे पूर्व से ही बीमार चल रहे थे। पटना व दिल्ली तक में इलाज हुआ था। शरीर में रक्त कम बनने की समस्या से जूझ रहे थे। इस कारण उनकी स्थिति अचानक बिगड़ गई थी। इलाज में कारा प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का विलंब नहीं किया गया था। समय पर सदर अस्‍पताल पहुंचाया गया था। 


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