जिले के नगर निकायों से नगर विकास एवं आवास विभाग ने तलब की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना का मांगा ब्योरा
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत चयनित योजनाओं के संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग ने रिपोर्ट मांगी है। विस्तृत प्रतिवेदन देने को कहा है। इसमें कार्य पूर्ण हैं तो उनकी उपयोगिता प्रमाणपत्र अधूरा है तो उसका कारण बताने केा कहा गया है।
जागरणा संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। नगर विकास व आवास विभाग ने जिले के सभी नगर निकायों से मुख्यमंत्री शहरी नाली-गली पक्कीकरण योजना सहित सात निश्चय योजना में चयनित योजनाओं की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है। साथ ही उपयोगिता प्रमाणपत्र भी तलब की है। रिपोर्ट से पता चल सकेगा कि जिले में योजनाओं की क्या स्थिति है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गए हैं।
नगर विकास एवं आवास विभाग से मांगी गई रिपोर्ट
इसको लेकर नगर विकास व आवास विभाग के परियोजना पदाधिकारी सह उप निदेशक रवि कुमार आर्य ने जिले के तीनों नगर परिषद सासाराम, डेहरी व बिक्रमगंज के साथ नगर पंचायत नासरीगंज, कोआथ, कोचस व नोखा के ईओ को पत्र भेजा है। उनसे वित्तीय वर्ष 2019 से 2021 तक चल रही योजनाओं की रिपोर्ट मांगी है। इसमें सात निश्चय योजना अंतर्गत नगर निकायों में बनी नाली, गली, नाली के स्लैब पक्कीकरण व मुख्यमंत्री शहरी नाली-गली योजनाओं में चयनित योजनाएं शामिल हैं। उप निदेशक ने पिछले दो वर्षों में इन योजनाओं में हुए कार्यों की स्थिति का ब्याेरा मांगा है। यानि कार्य पूरा हो गया है अथवा अपूर्ण है तो किन कारणों, यह सब जानकारी देने को कहा है। पूर्णता की स्थिति में है, तो उसके बारे में भी रिपोर्ट के साथ राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का निर्देश मिला है ।
कार्य आदेश (Work Order) निर्गत नहीं होने से संवेदकों में नाराजगी
बताते चलें कि नगर परिषद में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत 13 माह पहले हुए टेंडर का निष्पादन हो जाने के बावजूद कार्य आदेश निर्गत नहीं होने से संवेदकों मे असंतोष व्याप्त है। तीन दिन पहले संवेदकों ने डीएम धर्मेंद्र कुमार को आवेदन देकर इस मामले में गुहार लगाई थी। संवेदक संघ का कहना था कि वर्ष 2020 से 21 में मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत एक भी निविदा नहीं निकाली गई। नगर परिषद क्षेत्र में विकास का कार्य लगभग डेढ़ साल से ठप पड़ा हुआ है । दो दिन पहले नगर परिषद बोर्ड की हुई बैठक में दर्जनों पार्षदों ने वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ नगर विकास विभाग को निंदा प्रस्ताव भेजा था।