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Gaya News: जिले में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे, तीन-चार दिनों में सर्द हवाएं बढ़ाएगी ठिठुरन

Gaya News शनिवार की सुबह गया जिले में कनकनी के साथ न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। आसमान में धुंध के कारण सुबह में सूर्य की रोशनी धरती पर नहीं पहुंची। वहीं सर्द हवा के कारण लोग सैर पर निकलने से भी परहेज करते दिखे।

By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Sat, 03 Dec 2022 01:02 PM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2022 01:02 PM (IST)
Gaya News: जिले में दिखने लगा कोहरे का असर, न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे

गया, जागरण संवाददाता। दिसंबर का महीना आते ही ठंड ने राज्य को अपने आगोश में ले लिया है। शनिवार की सुबह गया जिले में कनकनी के साथ न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। आसमान में धुंध के कारण  सुबह में सूर्य की रोशनी धरती पर नहीं पहुंची। वहीं, सर्द हवा के कारण लोग सैर पर निकलने से भी परहेज कर रहे हैं। मानपुर कृषि केंद्र के मौसम विभाग की माने तो अभी कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। दिन में थोड़ी राहत मिलेगी लेकिन रात में ठंड होगी।

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मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 27 और न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है, जो सामान्य तापमान से चार डिग्री सेल्सियस कम था। वही चार से पांच किलोमीटर प्रति घंटा की हवा चल रही है। तीन-चार दिनों के बाद न्यूनतम तापमान में और गिरावट के असार है।

तीन-चार दिनों में और सताएगी ठंड

मानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग के वैज्ञानिक डा. जाकिर हुसैन ने बताया कि तीन-चार दिन के अंदर अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी। तेज रफ्तार से सर्द हवा चलेगी, जिससे की ठिठुरन बढ़ेगी। आने वाले दिनों में दो से तीन डिग्री तक तापमान गिरने के असार हैं। साथ ही आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। वहीं कोहरा का असर भी रहेगा। हालांकि, धूप निकलने के बाद कोहरे से राहत जरूर मिलेगी, लेकिन शाम होते ही ठंड अपना असर दिखाना शुरू कर देगा।

किसानों के लिए ठंड फायदेमंद

गेहूं की बोआई को लेकर मौसम अनुकूलबढ़ती ठंड से खेती के लिए फायदेमंद है। क्योंकि गेहूं की बोआई के अनुसार मौसम बना हुआ। ऐसे मौसम में सत प्रतिशत गेहूं में अंकुरण होगा और अच्छी पैदावार होगी। वही रबी फसल के लिए भी ठंड का मौसम अनुकूल है। वहीं, बढ़ती ठंड को देखते हुए किसानों ने पशुओं को शेड में बांधना शुरू कर दिया है, जिससे उन्हें ठंड से बचाया जा सके। 


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