Mask Scam: आखिर कहां गए जनता के लिए जीविका से खरीदी गए मास्क, नहीं बता पा रहे मुखियाजी
Mask Scam in Aurangabad दैनिक जागरण (Jagran Impact) के पड़ताल में ग्रामीणों का साफ कहना है कि उन्हें मास्क नहीं मिला। अंकोढा पंचायत के मुखिया कुणाल प्रताप का कहना है कि एक भी मास्क उनके पंचायत में नहीं बंटा है।
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। दाउदनगर प्रखंड में मास्क के वितरण का मामला लगातार सुर्खियों में बना है। अरई निवासी रजनीश कुमार द्वारा मास्क से जुड़ी अनियमितता का मामला उठाया गया था। इसके बाद लगातार मामला सुर्खियों में है।
दैनिक जागरण ने दाउदनगर प्रखंड के 15 में से 4 मुखिया से इस संबंध में बातचीत कर वास्तविक स्थिति पता लगाने का प्रयास किया। पड़ताल में ग्रामीणों का साफ कहना है कि उन्हें मास्क नहीं मिला। अंकोढा पंचायत के मुखिया कुणाल प्रताप का कहना है कि एक भी मास्क उनके पंचायत में नहीं बंटा है। तरार के मुखिया सर्वोदय प्रकाश शर्मा का कहना है कि 6000 मास्क उनको वितरण के लिए मिला है।
शमशेर नगर की मुखिया अमृता कुमारी का कहना है कि उन्हें अभी 4000 मास्क मिला है जिसे बांटा जाना है। कर्मा की मुखिया संजू देवी को भी 4000 मास्क वितरण के लिए मिला है और कुछ वार्डों में वितरण किया गया है। तमाम लोग पंचायत सचिव और बीडीओ को वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि बीडीओ का कहना है कि खरीद में उनकी नहीं मुखिया और पंचायत सचिव की सिर्फ भूमिका है। दूसरी तरफ जनता दोनों के अलावा मुखिया को भी जिम्मेदार मान रही है।
सात रुपये का मास्क, 15 का बिल
अकोढा पंचायत के मुखिया कुणाल प्रताप का कहना है कि लोग लबदना में मास्क की खरीदारी कर रहे हैं। वहां 7 रुपये की दर से मास्क मिल रहा है और भाऊचार 15 रुपये बनाया जा रहा है बताया कि उनके पंचायत में एक भी मास्क का वितरण नहीं हुआ है। 7000 परिवार हैं, 20000 मास्क चाहिए। पंचायत सचिव को उन्होंने कहा था कि मास्क की खरीदारी वे खुद करेंगे और 15 रुपये से कम में करेंगे। ऐसा नहीं करने दिया गया। अधिकारियों द्वारा गलत डाटा दिया जा रहा है। मास्क के लिए भुगतान न किए हैं और ना आगे करेंगे।
मास्क के साथ साबुन मांग रहे ग्रामीण
तरार पंचायत के मुखिया सर्वदय प्रकाश शर्मा ने बताया कि प्रत्येक परिवार को मात्र छह मास्क देना है। लेकिन ग्रामीण मास्क के साथ-साथ साबुन भी मांग रहे हैं। बताया कि उनके पंचायत में 2500 परिवार है और उन्हें 9000 मास्क मिला है बांटने के लिए और बांट भी रहे हैं। कहा कि उनको कोई समस्या नहीं आ रही है।
मास्क की खरीदारी में मुखिया की भूमिका अहम
शमशेर नगर पंचायत की मुखिया अमृता कुमारी ने बताया कि उन्हें 4000 मास्क वितरण के लिए मिला है। जबकि करीब 3000 परिवार हैं। यानी इनको करीब 18000 मास्क चाहिए। कहा कि मुखिया और पंचायत सचिव को मास्क की खरीदारी करनी है। इन्हीं की जिम्मेदारी है। भुगतान करना है लेकिन उनको बतौर मुखिया कोई जानकारी नहीं दी गई है कि मास्क कौन कैसे खरीद रहा है। सीधे उनके पास मास्क भेजा गया है। खरीदारी में उनकी कोई भूमिका नहीं है। वितरण में समस्या आ रही है। जनता विरोध करेगी। विवाद हो रहा है। 3000 परिवारों को प्रति परिवार 6 मास्क देने के लिए करीब 18000 मास्क चाहिए और इतना मिल नहीं रहा।
चाहिए 12 हजार मिला एक तिहाई
कर्मा पंचायत की मुखिया संजू देवी ने बताया कि 4000 मास्क का वितरण किया गया है। पंचायत के वार्ड संख्या 5, 6 और 7 में मास्क बांट दिया गया। लेकिन 12000 मास्क की जरूरत है और मिला है मात्र 4000 मास्क। जनता का दबाव है कि सबको मिले। अब डर लगता है कि जनता की प्रतिक्रिया क्या होगी। चाहिए तो सबको, यह आदेश भी है और आवश्यकता भी।
गड़बड़ी के शोर पर अरई को मिला मास्क
अरई पंचायत में मास्क गड़बड़ी की खबर छपने के बाद मास्क मिला। यहां के निवासी रजनीश कुमार ने कहा कि जब हल्ला होने लगा तो अरई में सुबह-सुबह सारा सामान पहुँच गया। उप मुखिया से पूछा कि क्या लगता है कि इसे मुखिया भेजवाए हैं? बिना हँगामा के कोई काम क्यों नहीं होता?
पैसा हमें मिला इसलिए लगा रहे आरोप
अरई के गोविंद कुमार उप मुखिया ने कहा कि अधिकांश पंचायत में मास्क मुखिया को मिला है। उनलोगों को इस बार खरीदने के लिए पैसा नहीं मिला है। इसीलिए प्रशासनिक अधिकारी के बारे में नकारात्मक बोल रहे हैं। भुगतान तो ग्राम पंचायत के खाता से डीएससी के माध्यम से होना है।
जनता बोली- कहीं नहीं मास्क बंटा मास्क
जनता का साफ कहना है कि मास्क कहीं नहीं वितरित हुआ दिख रहा है। अंकित ने कहा कि संसा में एक भी मास्क नहीं मिला किसी को। संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि धरातल पर नहीं कागज पर बंटा है मास्क। अभिषेक राणा ने कहा कि करमा में पिछले वर्ष एक मास्क और एक साबुन बांटा गया था, लोग अभी तक उसी से काम चला रहे हैं। प्रतिनिधि जिंदा भी खाएंगे और मुर्दा भी। रिंकू माथुर बोले-तरार में किसी को नहीं मिला है मास्क। देखे भी नहीं हैं लोग।