वागेश्वरी मंदिर में दीपों की रोशनी में रौशन हुआ बेटियों का स्वाभिमान
जागरण संवाददाता, गया : वार्ड संख्या चार स्थित वागेश्वरी मंदिर शनिवार को दीपों से जगमग हो उठा। य
जागरण संवाददाता, गया : वार्ड संख्या चार स्थित वागेश्वरी मंदिर शनिवार को दीपों से जगमग हो उठा। ये दीप बेटियों के लिए जलाए गए थे।
शाम होते ही मंदिर परिसर में सैकड़ों दीप जगमगाने लगे। बच्चियों ने रंगोली से परिसर को सजाया। यह सबको पता था कि ये दीप बेटियों के लिए यानी घर की लक्ष्मी के लिए जलाए जा रहे हैं। दैनिक जागरण के अभियान लक्ष्मी मेरी लाडो में लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। लोग इस पल को अपने मोबाइल में कैद कर रहे थे और बेटियों के चेहरे खिले-खिले। एक शपथ कि बेटियां घर की आन हैं, उनके प्रति कोई भेदभाव कभी नहीं।
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मुझे एक लड़का और एक लड़की है। मैं दोनों को एक जैसे प्यार देती हूं। बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं करती। जैसा बेटा है, वैसी ही बेटी।
अनु शर्मा
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लड़की के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। लड़का एवं लड़की को एक समान अधिकार मिलना चाहिए। समाज लड़कियों की उड़ान में बाधा नहीं बने।
प्रतिमा कुमारी
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मुझे सिर्फ दो लड़की है। ताने भी सुने, पर इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। हम बेटियों को बहुत प्यार देते हैं। यही हमारी आन-बान-शान हैं।
माधुरी देवी
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मैं बेटा-बेटी को एक समान शिक्षा दे रही हूं। कोई अंतर नहीं करती। दैनिक जागरण द्वारा बेटियों के लिए चलाया गया यह अभियान सुकून दे रहा है।
सविता देवी
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बेटी घर की लक्ष्मी होती है। अगर घर में बेटी नहीं है तो आपके घर में लक्ष्मी नहीं है। इस दिवाली एक दीया बेटी के ही नाम है।
रंजू देवी
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बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। अभी तो देश की रक्षा मंत्री भी कोई बेटी ही है। समाज को अपना नजरिया बदलना होगा। बेटियों को सम्मान दें, यही असली लक्ष्मी हैं। जागरण के इस अभियान में सिर्फ एक दीप नहीं जल रहा है, हर बेटी के स्वाभिमान और सम्मान को रोशनी मिल रही है।
संगीता चंद्रा, वार्ड पार्षद