बेटियों को दें सम्मान, देश का बढ़ेगा मान
जागरण संवाददाता, गया : आम दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को शहर के वार्ड संख्या 13 के तुतबाड़ी
जागरण संवाददाता, गया : आम दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को शहर के वार्ड संख्या 13 के तुतबाड़ी देवी मंदिर के प्रागंण में अधिक चहल-पहल देखने को मिली। मौका था दैनिक जागरण के लक्ष्मी मेरी लाडो कार्यक्रम का। शाम होते ही मंदिर परिसर में दीये सजने लगे।
वार्ड की सैकड़ों महिलाएं बेटी के नाम एक दीया जलाने के लिए मंदिर परिसर में एकत्रित हो गई। सभी ने एकजुट होकर दीये जलाई। इस क्रम में महिलाओं का उत्साह चरण पर था। दीपा दिलाने के कार्य में महिलाओं के साथ स्कूली बच्चों ने बढ़कर हिस्सा लिया। मिट्टी से बने दीये को जलाकर महिलाओं ने बेटी के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। बेटी के नाम जल रहे दीये को देखने के लिए सड़क से आने-जाने वाले लोगों की भीड़ उमड़ी। दीये की रोशनी अपने-अपने मोबाइल में कैद कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि कुछ देर के लिए शहर ठहर सा गया है। महिलाओं का कहना था कि दैनिक जागरण काफी सराहनीय कार्य कर रहा है।
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मेरा एक लड़का और एक लड़की है। दोनों को एक जैसा प्यार देती हूं। दोनों को एक समान शिक्षा दे रहे हैं। बेटी के साथ कभी भेदभाव नहीं करती हूं।
आशा देवी
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मुझे एक लड़की और एक लड़का है। बेटी बीबीए की पढ़ाई पूरी कर ली है। अब बैंकिंग सेवा सर्विस की तैयारी कर रही है। हमारे घर में सभी लोग दोनों से एक जैसा व्यवहार करते हैं।
नीलम देवी
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मुझे सिर्फ एक बेटी है। दो साल पहले जब बेटी जन्म ली तो घर खुशी की लहर दौड़ गई। मेरे पति हमसे ज्यादा बेटी को प्यार करते हैं। क्योंकि पहली बार घर में लक्ष्मी आई है।
सुजाता देवी
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मैंने बेटी को पढ़ा-लिखा अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। बेटी बैंक में कार्यरत है। सभी लोगों को चाहिए कि बेटी को अपने पैरों पर खड़ा होने दें। तभी बेटी के प्रति लोगों की सोच बदलेगी।
नीरा सिंह
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बेटी लक्ष्मी का दूसरा रूप होती है। दीपावली में बेटी के नाम एक दीया इस बार जरूर जलाएंगे। साथ लक्ष्मी की पूजा करते समय बेटी की भी पूजा की जाए।
रेखा देवी
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मुझे सिर्फ दो बेटियां ही हैं। दोनों को अच्छे स्कूल में पढ़ा रही हूं। लड़का नहीं होने का कोई गम नहीं है। दो बेटी है, जिसे बहुत प्यार देते हैं।
संगीता भदानी
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दैनिक जागरण का काफी सराहनीय कार्यक्रम है। बेटी के प्रति अखबार इतना अधिक गंभीर है तो सभी लोगों को बेटी के प्रति गंभीर होने की जरूरत है। जब तक नारी का विकास नहीं तब तक समाज का विकास संभव ही नहीं।
राहुल कुमार, पार्षद