बेटियों के प्रति सोच बदलने की जरूरत
जागरण संवाददाता, गया : बैंक अधिकारी वसुंधरा सागर कहती हैं, यहां तक पहुंचाने में माता-पित
जागरण संवाददाता, गया : बैंक अधिकारी वसुंधरा सागर कहती हैं, यहां तक पहुंचाने में माता-पिता का पूरा सहयोग रहा। बेटी की पढ़ाई को लेकर परिवार के लोग शुरु से ही गंभीर रहे। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा पटना के अच्छे स्कूल में प्राप्त की। आज समाज में बेटी के प्रति लोगों की जो सोच है उसे बदलने की जरूरत है। अब धीरे-धीरे समाज में बदलाव देखने को भी मिल रहा है। लड़कियों के प्रति जो लोगों की सोच है उसकी मुख्य वजह दहेज है। दहेज को लेकर सरकार ने जो कड़े कानून लागू किए हैं वह सराहनीय कदम है।
इनका कहना है कि समाज में पहचान बनाने के लिए परिश्रम करना बहुत जरूरी है। मैं जिस पद हूं, यहां तक पहुंचने के लिए प्रत्येक विद्यार्थियों को आठ से दस घंटे पढ़ाई करने की जरूरत है। वसुंधरा सागर शहर के स्वराजपुरी रोड में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य शाखा में पीओ के पद पर कार्यरत हैं। वसुंधरा मूलरूप से दरभंगा की रहने वाली हैं। इनके पिता मुजफ्फरपुर में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं। बैंक में नौकरी के लिए पहली बार 2015 में बैंकिंग सेवा की परीक्षा दी थी। इसमें सफलता नहीं मिली पर कोशिश जारी रखीं। दूसरी बार 2016 में बैंकिंग सेवा की परीक्षा दीं, जिसमें सफलता मिली। एक वर्ष से इस शाखा में पीओ पद कार्यरत हैं।