पंजीकृत संस्थान से ही करें फलदार पौधे की खरीदारी
गया। फलदार पौधे की खरीदारी पंजीकृत संस्थान से ही करें ताकि समय पर फले-फूले। पौधे लगान
गया। फलदार पौधे की खरीदारी पंजीकृत संस्थान से ही करें ताकि समय पर फले-फूले। पौधे लगाने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य कराएं। मिट्टी में तत्वों की कमी दूर करने के लिए जैविक एवं रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा सकता है। उक्त बातें गया के मानपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्र बहादुर सिंह ने दूरभाष पर किसानों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहीं।
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-मिट्टी की जांच कहां कराएं और मक्के की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें? मो. अहिया, बबुआन, अररिया
-मिट्टी की जांच अररिया स्टेशन स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कराएं। मिट्टी के नमूने खेत के मेड़ से 15 से 20 फीट की दूरी से छह इंच गड्ढ़ा खोदकर लें। साथ ही हाईब्रिड मक्के की बुआई करें। इससे कम लागत में अच्छी फसल होगी।
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-कटहल में फल लगते ही सड़कर गिरने लगते हैं। माधो प्रसाद मिश्रा, रधुनाथपुर, दरभंगा
-कटहल के पेड़ पर बेबीस्टीन कीटनाशक दवा ढाई लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इससे सड़ना और गिरना बंद हो जाएगा।
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-आम के पेड़ के पत्ते लाल होकर गिर रहे हैं। गोपाल गिरि, रीबीसगंज, छपरा
-तीन टोकरी सड़े गोबर की खाद में ढाई सौ ग्राम डीएपी, 40 से 50 ग्राम जिंक एवं पोटास मिला लें। सभी को मिलाकर पेड़ के आसपास की मिट्टी की कोड़ाई कर तीन फीट की दूरी पर खाद को छिड़क दें। उसके बाद सिंचाई कर दें। पेड़ के पत्ते लाल होकर गिरना बंद हो जाएगा और नए पत्ते आने लगेंगे।
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-आम के पौधे लगाए तीन वर्ष बीत गए पर फल नहीं लग रहा है।
पुनीधर कुमार मंडल, मधुबनी
-कोई भी फलदार पौधे पंजीकृत संस्थान से ही खरीदें। इधर-उधर से लेने पर बीजू पौधे दे दिए जाते हैं। ऐसे पौधे में सात वर्ष के बाद ही फल लगते हैं।
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-शाही लीची के पेड़ में दो वर्ष तक मंजर लगा, उसके बाद नहीं लग रहा है। विकास कुमार, पूर्णिया
-आठ टिकरी सड़े हुए गोबर की खाद में आठ सौ ग्राम डीएपी, एक सौ गाम पोटास, 50-50 ग्राम जिंक व वोरान एवं कोई भी कीटनाशक दवा मिला लें। पेड़ से ढाई से तीन फीट की दूरी पर मिट्टी की खोदाई कर लें। दवा मिले खाद को मिट्टी में मिलाकर पेड़ की सिंचाई कर दें। आने वाले समय में लीची में मंजर आना शुरु हो जाएगा। इसके बाद भी पेड़ में मंजर नहीं आता है तो मुजफ्फरपुर लीची अनुसंधान केंद्र से संपर्क करें।
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-कटहल और लीची के पौधे लगाए सात वर्ष बीत गए पर फल नहीं लग रहा है। रामनारायण सिंह, गरखा, छपरा
-कटहल के पौधे रोपने के नौ से दस वर्षो के बाद ही फल लगते हैं। लीची के पेड़ में फल नहीं लग रहे तो गोबर की सड़ी हुई खाद के साथ डीएपी, यूरिया मिलाकर पेड़ के आसपास मिट्टी में मिला कर सिंचाई करें। फल लगने लगेगा। अगर लीची के पौधे देसी हो तो दस वर्षो के बाद ही फल लगेगा।
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इस समय कौन से गेहूं की बुआई करें? अमित कुमार, गुरुआ, गया
-इस समय एचडी 285, एचआइ 153 एवं सबैर निर्जल गेहूं की बुआई करें, क्योंकि निर्जल गेहूं का कम सिंचाई में अच्छा पैदावार होता है।
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गेहूं की पहली सिंचाई करने के बाद खेत में भांग अधिक उग गए हैं।
रामविनोद सिंह, मधुबन, पश्चिम चंपारण
-खेत में टू फोर डी दवा का छिड़काव करें, जिससे भांग के पौधे नष्ट हो जाएंगे।
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कड़ी पत्ते का पौधा सूख रहा है।
विजया सिंह, आमगोला, मुजफ्फरपुर
-अगर पौधे गमले में लगा रहे हैं तो धूप में रखें। धूप नहीं लगने कारण पौधे सूखते हैं। उसके बाद पौधा सूखता है तो दो टिकरी सड़े गोबर की खाद में सौ ग्राम डीएपी, 50 ग्राम यूरिया एवं थोड़ी सी पोटास मिलाकर पौधे की जड़ के पास मिट्टी में मिलाकर सिंचाई कर दें। पौधे के उपर एक लीटर गोमूत्र में आधा किलो नीम का पत्ते एवं खैनी के डंठल मिलाकर दस दिनों तक सड़ने के लिए छोड़ दें। उसके बाद छिड़काव कर दें। पौधे का सूखना बंद हो जाएगा।
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-चार कट्ठे में सागवान के पौधे लगाए हैं पर विकसित नहीं हो रहा है।
मंटू सिंह, गुरुआ, गया
-सबसे पहले मिट्टी की जांच कराएं, अगर कुछ कमी होगी तो जांच से पता चल जाएगा। ऐसे तीन टोकरी सड़े गोबर की खाद में दो सौ ग्राम डीएपी और 50 ग्राम यूरिया डालकर पौधे के आसपास मिट्टी मिलाकर सिंचाई कर दें। पौधे विकसित होने लगेंगे।
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गुलाब की खेती कैसे करें?
रंजन कुमार, खिजरसराय, गया
-गुलाब की खेती करने से पहले बिहार कृषि विश्वविद्यालय में जाकर प्रशिक्षण लेना होगा। बिना प्रशिक्षण के गुलाब की खेती संभव ही नहीं है।
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-आम का मंजर लगता है पर गिर जाता है। रामप्रवेश मिश्रा, मुरौला, मुजफ्फरपुर
-पेड़ को देखने के बाद ही पता चलेगा क्यों गिर जाता है। इसके लिए पूसा कृषि विश्वविद्यालय में जाकर कृषि वैज्ञानिक डॉ. एलडी यादव और डॉ. अनिल सिंह से संपर्क करें।
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मक्के की फसल में यूरिया के साथ सल्फर का छिड़काव करें या नहीं।
मनोज कुमार पंडित, बिहिया, भागलपुर
-अगर आप मक्के की दूसरी बार सिंचाई करने जा रहे हैं तो एक सप्ताह पहले खेतों में यूरिया और सल्फर का छिड़काव कर सकते हैं। छिड़काव के एक सप्ताह बाद ही खेत की सिंचाई करें।