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Kaimoor News: लोक शिकायत निवारण के आदेश के बाद भी भटपुरवां का आंगनबाड़ी केंद्र अधूरा, जानिए मामला

Kaimoor News कैमूर के भटपुरवां का आंगनबाड़ी केंद्र सालों ने आधा-अधूरा बना है। जबकि इसके निर्माण की राशि निकाल ली गई है। लोक शिकायत निवारण के आदेश के बावजूद स्थिति यथावत है। क्‍या है पूरा मामला जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 09:19 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 09:19 AM (IST)
Kaimoor News: लोक शिकायत निवारण के आदेश के बाद भी भटपुरवां का आंगनबाड़ी केंद्र अधूरा, जानिए मामला
भभुआ के भटपुरवा का आधा-अधूरा बना आंगनबाड़ी केंद्र। तस्‍वीर: जागरण।

कैमूर, जागरण संवाददाता। कैमूर के नुआंव प्रखंड में सरकारी राशि निकालकर कार्य न कराने के या आधा अधूरा कार्य करा कर बीच में हीं छोड़ देने के कई मामले हैं। जैसे डूगुनपुरा में राशि निकल कर गली न बनाना, बढ़ा के आंगनबाड़ी केंद्र की राशि निकालकर अधूरा निर्माण करना, अकोल्ही के रामलीला चबूतरा का निर्माण, कारीराम के आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण आदि। हाल में ही भटपुरवां के आंगनबाड़ी केंद्र के आधे-अधूरे निर्माण का मामला भी सामने आया है। इसकी भी राशि निकल ली गई है, पर निर्माण अधूरा है। इस बात को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व वार्ड सदस्य विष्णु शंकर राय ने लोक शिकायत निवारण फोरम में वाद भी दायर किया था। वहां से आदेश हुआ कि हर हाल में अधूरा निर्माण कार्य 26 मार्च तक प्रारंभ हो जाना चाहिए, लेकिन अभी भी उसकी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

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बताया जाता है कि अब उसका निर्माण मनरेगा के तहत होगा। कब होगा इसका कोई पता नहीं है। वार्ड सदस्य ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र को बनाने का कार्य 2014-15 में प्रारंभ हुआ था। योजना की कुल प्राक्कलित राशि 6 लाख 10 हजार थी।अभिकर्ता व पंचायत सेवक द्वारा राशि निकाल ली गई। 2019 तक अनुमानतः एक लाख की राशि खर्च कर कुर्सी तक निर्माण कराया गया। इसके बाद कार्य बंद कर दिया गया।

वार्ड सदस्‍य ने बताया कि फिर उनके द्वारा अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण फोरम में वाद दायर किया गया। इसके बाद फोरम के आदेश से 2019 के अंत तक आधा निर्माण हुआ, फिर कार्य बंद हो गया। इसके बाद जिला लोक शिकायत फोरम में 2020 में वाद दायर किया गया। वहां से डांट पड़ने पर छत की ढलाई हुई। अभी भी फर्श नही बना है, दीवारों पर प्लास्टर नहीं हुआ है। बाहर के दरवाजे में किवाड़ लगा दिया गया है। जबकि, अंदर के दरवाजे में किवाड़ नहीं है। कुल पांच खिड़कियां हैं, जिनमें किवाड़ नहीं हैं।

इसके बाद फिर से अनुमंडलीय लोक शिकायत फोरम में वाद दायर किया गया। वहां से 26 मार्च तक हर हाल में कार्य प्रारंभ करने का आदेश दिया गया, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। सुनने में आ रहा है कि अब इसका निर्माण मनरेगा से होगा।


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