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Kaimoor News: भभुआ जिले में बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारी की पूरी

कैमूर जिले में भारी बारिश होने पर कर्मनाशा सुवरन और दुर्गावती नदी के साथ अन्य पहाड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ कर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर देता है।बाढ़ की सबसे अधिक संभावना नुआंव रामगढ़ और दुर्गावती प्रखंड के गांवों में रहती है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 01:05 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 02:13 PM (IST)
भभुआ में मंडराया बाढ़ का खतरा,सांकेतिक तस्‍वीर।

 भभुआ, जागरण संवाददाता। मानसून के दस्तक देने के बाद जिले में मौसम लगातार खराब चल रहा है। प्रतिदिन जिले में बारिश हो रही है। इससे जिले से होकर गुजरी नदियों पर बने पुल भी लगातार बारिश से क्षतिग्रस्त हो रहें हैं। उधर, लगातार बारिश से जिले की नदियों व नहरों में पानी भी आ गया है। लेकिन अभी मौसम का मिजाज कुछ ठीक नहीं लग रहा। आसमान में बादल छाए रह रहे हैं और सूर्य देव के दर्शन भी नहीं हो रहे हैं। इसके चलते अभी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर उससे निपटने के लिए जिला प्रशासन भी पुरी तरह तैया है। जिले में आठ प्रशिक्षित गोताखोरों के साथ आठ गश्ती दल का गठन किया गया है। जिले में 21 नाव भी उपलब्ध है। इसके अलावा 400 पॉलीथिन सीट उपलब्ध है। साथ ही बाढ़ आने पर पशुचारा, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था की प्रक्रिया पुरी कर ली गई है। गठित गश्ती टीम को किसी भी विशेष परिस्थिति में तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए गठित टीम कार्य करेगी।

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इन प्रखंडों में बाढ़ का सबसे ज्‍यादा खतरा

बता दें कि कैमूर जिले में भारी बारिश होने पर कर्मनाशा, सुवरन और दुर्गावती नदी के साथ अन्य  पहाड़ी नदियों का जल स्तर बढ़ कर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर देता है। लेकिन जिले में सबसे अधिक बाढ़ की संभावना नुआंव, रामगढ़ और दुर्गावती प्रखंड के गांवों में रहती है। इन प्रखंडों में कुछ गांव नदी के किनारे या आसपास हैं। ऐसे में बाढ़ आने पर इन गांवों के लोगों को काफी खतरा रहता है। बाढ़ आने पर यहां के पशुओं को भी चारा की कमी हो जाती है। लेकिन प्रशासन द्वारा इन तीनों प्रखंडों के चिह्नित गांवों में बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी कर ली गई है।


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