Move to Jagran APP

औरंगाबाद के जम्‍होर पैक्‍स अध्‍यक्ष नहीं कर पाएंगे पैक्‍स से जुड़े काम, पटना से लगाई गई है इनपर रोक

औरंगाबाद के जम्‍होर पैक्‍स अध्‍यक्ष के कार्यकलापों पर पटना से रोक लगा दी गई है। आरोप है कि डिफॉल्‍टर होने के बावजूद उन्‍होंने पैक्‍स अध्‍यक्ष का चुनाव लड़ा। इस मामले में अगली सुनवाई आठ जुलाई को होनी है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 11:05 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 11:05 AM (IST)
जम्‍होर पैक्‍स अध्‍यक्ष के कार्यकलापों पर रोक। प्रतीकात्‍मक फोटो
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता।  सदर प्रखंड के जम्होर पैक्स अध्यक्ष विनोद मेहता के पैक्स से संबंधित सभी कार्यकलापों पर सहयोग समितियां (पटना) ने रोक लगा दी  है। न्यायालय उप निबंधक (ईख) सहयोग समितियां के ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश निर्गत किया  है। उप निबंधक के न्यायालय ने यह आदेश वादी राजीव कुमार सिंह बनाम बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार (पटना) द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं अन्य के वाद की सुनवाई करते हुए निर्गत किया है।
चुनाव के समय थे डिफॉल्‍टर, डीसीओ ने लगाई थी रोक
न्यायालय के निर्गत आदेश के अनुसार पैक्स अध्यक्ष विनोद मेहता पैक्स चुनाव के समय डिफॉल्टर थे। निर्वाचन में भाग लेने हेतु अयोग्य थे। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने 26 नवंबर 2019 को पैक्स अध्यक्ष पर 69 लाख 35 हजार बकाया होने के कारण डिफॉल्टर घोषित किया था। निर्वाचन से वंचित रखने का आदेश दिया था। पैक्स अध्यक्ष ने  इस आदेश के खिलाफ सहकारिता मंत्री के न्यायालय में अपील की थी और इस न्यायालय ने जिला सहकारिता पदाधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ राजीव कुमार ने न्यायालय मंत्री के पास अपील के बाद सुनाई में लगाए गए आदेश को हटा दिया था। इस आदेश के अनुसार पैक्स अध्यक्ष को डिफॉल्टर साबित किया गया। उप निबंधक सहयोग समितियां के अनुसार इस आदेश के बाद भी पैक्स अध्यक्ष अपने पद पर बने हैं और उनके द्वारा वित्तीय अनियमितता की जा रही है।
वित्‍तीय अन‍ि‍यमितता का है यह मामला 
उप निबंधक के अनुसार पैक्स अध्यक्ष के खिलाफ यह वित्तीय अनियमितता मामला है जिस कारण वाद के निष्पादन होने तक पैक्स अध्यक्ष के कार्यकलाप पर रोक लगाई गई है। उप निबंधक ने वाद की सुनवाई की अगली तिथि आठ जुलाई 2021 निर्धारित की है। वाद की सुनवाई वर्चुअल की जाएगी। उधर इस मामले में सहायक निबंधक सह प्रभारी जिला सहकारिता पदाधिकारी श्रीन्द्र नारायण ने बताया कि न्यायालय उप निबंधक ईख सहयोग समितियां के द्वारा निर्गत आदेश उनके पास नहीं पहुंचा है। जबतक अधिकारिक आदेश उनके पास नहीं आएगा तब तक वे कोई अधिकारिक बयान नहीं देंगे। हालांकि बताया कि किसी के द्वारा न्यायालय के आदेश को उनके पास भेजा है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.