जिद थी कि किसी को भूखे मरने नहीं देंगे, कोरोनाकाल में घर-घर जाकर पहुंचाया खाना व दवाइयां
कोरोना संकट काल में कई लोगाें समूह एवं संस्थाओं ने गरीब लोगों की मदद की। भूखे-प्यासे को भोजन पानी उपलब्ध कराया। सुदूर गांवों में बीमार महिला-पुरुषों के घर दवाइयां पहुंचाई। गांव-गांव जाकर कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों को जागरूक किया।
मुकेश कुमार, औरंगाबाद। कोरोना संकट काल में कई लोगाें, समूह एवं संस्थाओं ने गरीब लोगों की मदद की। भूखे-प्यासे को भोजन पानी उपलब्ध कराया। सुदूर गांवों में बीमार महिला-पुरुषों के घर दवाइयां पहुंचाई। गांव-गांव जाकर कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों को जागरूक किया। दूसरे प्रदेशों से आने-जाने प्रवासी मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की। जिद थी की किसी को भूखे मरने नहीं देंगे। इतना हीं नहीं जो बीमार व चलते-चलते थक हार गए हों या फिर किसी प्रकार के हादसे का शिकार हो गए हो।
उन लोगों का इलाज के साथ-साथ दवा मुहैया कराया। उन्हें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की। इस नेक कार्य को करते-करते न जाने उनकी टीम के कई सदस्य कोरोना से संक्रमित भी हुए। फिर भी उनकी टीम का हौसला टूटा नहीं। उनकी पूरी टीम महामारी के इस संकट में काल में पूरी तन्मयता के साथ लोगों की मदद करने में जुटे थे। उनकी सेवा का दायरा सिर्फ जिले तक ही नहीं रहा। वे दूसरे प्रदेश से लोगों को घर पहुंचाने में भी सराहनीय कदम उठाया। इस नेक कार्य को अंजाम देने में रेडक्राॅस के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह, वाइस चेयरमैन जनाब मरगुब आलम और कोषाध्यक्ष शिव कुमार गुप्ता समेत इनकी टीम के दर्जनों लोग जुटे थे। इस कार्य के लिए डीएम सौरभ जोरवाल ने रेडक्रॉस की पूरी टीम को कोरोना वॉरियर्स की उपाधि प्रदान की थी।
बैनर पोस्टर व मास्क लगाने को किया गया जागरूक
जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड के मुख्य बाजार में चौक-चौराहों पर होर्डिंग व बैनर और ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से कोरोना वायरस से राेकथाम हेतु प्रचार-प्रसार किया। इतना ही नहीं संक्रमण के बचाव के लिए फुटपाथी दुकानदारों व रिक्शा चालकों के बीच मास्क, सैनिटाइजर और हैंडवास वितरित किया गया। इसके अलावा करीब एक महीने तक 30 मार्च से 30 अप्रैल तक रेडक्रॉस सोसायटी कार्यालय में प्रतिदिन 500 लोगों को भोजन कराया गया। इसी एक महीने के दौरान रात आठ बजे से लेकर ग्यारह बजे तक मोबाइल भोजन सेवा के माध्यम से प्रतिदिन सौ लोगों को भोजन कराया जाता था। मई माह में करीब एक सप्ताह से ज्यादा दिनों तक चलंत वाहन के माध्यम से नि:शुल्क भोजन कराया गया। वहीं 12 से लेकर 31 मई तक सुबह 11 बजे से रात को 12 बजे तक प्रतिदिन 3000 प्रवासी मजदूरों को भोजन कराया गया।
घर-घर दवा के साथ-साथ खाद्य सामग्री पहुंचाया
बीमार व्यक्तियों के लिए घर-घर जाकर दवाइयां पहुंचाई गई। लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन एवं किराना व्यवसायियों के साथ बैठक कर घर-घर खाद्य सामग्री पहुंचाने का काम किया। इसके अलावा जिला मुख्यालय के दस किलोमीटर के रेडियस में लॉकडाउन के दौरान वरीय नागरिकों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए घर से अस्पताल और अस्पताल से पुन: घर तक पहुंचाने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। इस तरह लगभग चार सौ लोगों को मदद पहुंचाई गई। इस सराहनीय योगदान के लिए भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी औरंगाबाद के सभी सदस्यों को डीएम व एसपी समेत जिले के सभी प्रबुद्धजनों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की थी।