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Crime News: रात के अंधेेरे में माफिया करते हैं अवैध बालू की ढुलाई, विरोध करने पर देते हैं धमकी

औरंगाबाद में सोन नदी के किनारे बालू खनन और उसकी अवैध ढुलाई बड़े पैमाने पर हो रही है। ग्रामीणों ने इसको लेकर विरोध जताया है। हालांकि पुलिस ने ग्रामीणों पर ही वाहन चालकों से अवैध वसूली का आरोप मढ़ दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:53 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 08:53 AM (IST)
Crime News: रात के अंधेेरे में माफिया करते हैं अवैध बालू की ढुलाई, विरोध करने पर देते हैं धमकी
सड़क की बदहाली का विरोध करते ग्रामीण। जागरण

जेएनएन, औरंगाबाद। सरकार ने अवैध बालू को लेकर कड़ा तेवर अख्तियार कर रखा है। लेकिन औरंगाबाद में माफिया सक्रिय हैं। वे रात के अंधेरे में बड़ी मात्रा में बालू निकल रहे हैं। बालू लदे वाहनों की वजह से सड़क खराब हो रही है।  लेकिन इसके प्रति पुलिस-प्रशासन की आंखें मुंदी हुई हैं। लेकिन लोग काफी आक्रोशित हैं। मंगलवार को लोगों ने इसको लेकर आक्रोश भी जाहिर किया था।

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प्रखंड के डिहरा एवं अधौरा सोन घाट से धड़ल्ले से अवैध बालू का खनन जारी है। इसके विरोध में खुटहा गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को प्रशासन के विरोध में आक्रोश भी जताया। युगल सिंह, सोनू कुमार, हरिहर प्रजापति, अरुण तिवारी, प्रमोद द्विवेदी, भूलन राम, अर्जुन पासवान, मिथिलेश पासवान, कमलेश यादव, कलंदर यादव, लोकेश यादव, मिथिलेश बिहारी यादव, घुलम प्रजापति व महेंद्र यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि आए दिन अवैध रूप से सोन नदी से बालू की निकासी होती है। बड़े ट्रक के माध्यम से बालू ढोया जा रहा है। ओवरलोड वाहनों के कारण गांव की सड़कें बर्बाद हो रही हैं। इनके कारण ही दाउदनगर-बारुण पथ पूरी तरह ध्वस्त हो गया है।

पुलिस देती है फंसाने की धमकी- ग्रामीणों का कहना है कि वे इसका विरोध करते है तो उल्टे पुलिस प्रशासन के  बेवजह गांव के लोगों को फंसा देने की धमकी देते हैं। कई बार स्थानीय थाना को अवैध खनन की सूचना भी दी गई। परंतु कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बालू माफिया का मनोबल और दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। कभी-कभी तो नौबत यहां तक आ पहुंची कि बालू माफिया और ग्रामीणों के बीच विवाद हो चुका है। पर, जो व्यक्ति इस मामले में आवाज उठाते हैं। उन्हें पुलिस चिह्नित कर झूठे मुकदमा में फंसा देती है। बालू माफिया धमकी देते हैं वह अलग।

सड़क हो रही है खराब- ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि अवैध रूप से बालू की निकासी होने से सड़क पूरी तरह ध्वस्त होती जा रही है। उससे गांव के लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। यदि इस मामले में पहल नहीं की जाती है तो प्रखंड मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन को बाध्‍य होना पड़ेगा।

ग्रामीण करते हैं अवैध वसूली-  थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार सिन्हा ने बताया कि गांव के कुछ असामाजिक प्रवृत्ति के लोग वाहन चालकों से अवैध वसूली करते हैं। इस कारण आए दिन वाहन मालिक एवं ग्रामीणों के बीच तू-तू मैं-मैं होती है। थानाध्यक्ष ने कहा कि यदि बालू की निकासी की जा रही है तो इसकी जिम्मेवारी खनन विभाग के पदाधिकारी की बनती है। ग्रामीण उनसे शिकायत करें। वैसे पुलिस की कड़ी नजर है। 


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