Move to Jagran APP

Sasaram: आगे कुआं पीछे खाई, ऐसा ही हाल है जर्जर बुढ़वल पुल, गड्ढ़ों से डगमगा कई लोग गिर चुके नीचे

काराकाट में गोड़ारी-सकला राजबाहा पथ स्थित जर्जर बुढ़वल पुल आगे कुआं पीछे खाईं वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। राहगीरों के सामने समस्या यह है कि पुल से जाएं तो कुआंनुमा गड्ढा से नहर में गिरने का भय है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 04:43 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 04:43 PM (IST)
गोड़ारी-सकला राजबाहा पथ स्थित जर्जर बुढ़वल पुल। जागरण।

संवाद सूत्र, काराकाट (सासाराम)। प्रखंड के गोड़ारी-सकला राजबाहा पथ स्थित जर्जर बुढ़वल पुल आगे कुआं पीछे खाईं, वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। राहगीरों के सामने समस्या यह है कि पुल से जाएं तो कुआंनुमा गड्ढा से नहर में गिरने का भय है। उस रास्ते से नहीं जाएं तो फिर कई कामों का नुकसान होगा।

loksabha election banner

हादसों का सबब बन चुके इस पुल के मरम्मत के लिए ग्रामीणों द्वारा स्थानीय प्रशासन, सिंचाई विभाग व जनप्रतिनिधियों से लगाई गई गुहार भी काम नहीं आ रही है। गोड़ारी-सकला पथ से इटिम्हा व घरवासडीह-दनवार पथ को जोड़ने वाला यह पुल बीच में ही ध्वस्त हो गया है और उसमें कुआं समान गड्ढा बन गया है, जो कभी भी बड़े हादसा का कारण बन सकता है।

ग्रामीणों के अनुसार गत छह महीनों में उनके प्रयास से तीन घटनाएं टली हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों ने वहां पेड़ की टहनी काट कर रख दी है। ग्रामीण अविनाश कुमार नागेश्वर तिवारी, बसंत कुमार सिंह, पूर्व मुखिया केशव प्रसाद, दीपू कुमार, मनोज सिंह समेत अन्य ने बताया कि गोड़ारी बाजार से एक किलोमीटर की दूरी पर बुढ़वल गांव के पास स्थित पुल ध्वस्त होकर खतरनाक हो गया है।

एक सप्ताह पूर्व एक लड़का उस गड्ढे से होकर नहर में गिर पड़ा था। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल नहर में कूदकर उसकी जान बचा ली। इसके दो दिन बाद भी अंधेरे में एक बाइक सवार उस गड्ढे में गिर पड़ा था। उस समय उस गड्ढे के ऊपर पेड़ की झाड़ी रख दी गई, ताकि लोगों का बचाव हो सके। आपसी सहयोग से ग्रामीणों ने ईंट डाल कर उसकी मरम्मत भी की थी, लेकिन पानी के बहाव में सब बेकार हो गया।

इस पुल के संबंध में प्रशासन को सूचना दे दी गई है, परंतु सिंचाई विभाग व स्थानीय प्रशासन द्वारा अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने अनुसार प्रखंड मुख्यालय से घरवासडीह, दनवार सहित लगभग दो दर्जन गांवों को जोड़ने वाली इस सड़क से आवागमन का एक मात्र सुलभ माध्यम यही पुल है। इसके एक तरफ उत्क्रमित मध्य विद्यालय तो दूसरी ओर पब्लिक स्कूल है। कुछ ही दूरी पर दक्षिण तरफ मध्य विद्यालय देनरी व उत्तर-पश्चिम में उच्च विद्यालय बुढ़वल भी है।

ग्रामीणों के अलावा इन विद्यालयों के बच्चों का भी इसी पुल से होकर आना-जाना होता है। गनीमत है कि कोरोना महामारी को ले अभी विद्यालय बंद हैं, अन्यथा अब तक कई हादसों का दर्द ग्रामीणों को झेलना पड़ता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.