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Kaimur: कभी भी ध्वस्त हो सकता ऑफिसर और स्‍टाफ क्‍वार्टर, जान जोखिम में; दुर्घटना को दे रहा आमंत्रण

प्रखंड कार्यालय परिसर का भी यही हाल है। जगह जगह चहारदीवारी के टूटने के कारण कार्यालय असुरक्षित है। इसी परिसर में है आधा दर्जन कार्यालय इसी परिसर में अंचल कृषिमनरेगा अवर निबंधन व शिक्षा विभाग तथा पुलिस निरीक्षक का कार्यालय है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 12:23 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 12:23 PM (IST)
Kaimur: कभी भी ध्वस्त हो सकता ऑफिसर और स्‍टाफ क्‍वार्टर, जान जोखिम में; दुर्घटना को दे रहा आमंत्रण
पदाधिकारी और कर्मचारी का जर्जर भवन। जा्गरण।

संवाद सहयोगी, मोहनियां (कैमूर)। स्थानीय प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में बने सरकारी आवासों की जर्जरता देखने के बाद दीपक तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ होती है।छह दशक पूर्व बने इस आवास में  पदाधिकारी व कर्मी जान जोखिम में डाल कर रहते हैं।

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छह दशक पूर्व मोहनियां में हुई थी कार्यालय व आवास की स्थापना-30 जनवरी 1956 को मोहनियां में प्रखंड सह अंचल कार्यालय की स्थापना हुई थी।अब कार्यालय व आवास इतना जर्जर हो चुका है की कभी भी ध्वस्त हो सकता है।सरकारी तौर पर दूसरों को आवास की व्यवस्था करने वाले खुद ही जर्जर आवास में रहने को  विवश हैं। प्रखंड कार्यालय परिसर में उत्तर तरफ दो दर्जन आवास बने हैं। जिसमें एक दर्जन आवाज प्रखंड का एवं एक दर्जन परियोजना का है।

इसी जर्जर आवास में अंचल के सीओ सहित अन्य कर्मी व अभियंता रहते हैं। आवास में रहने वाले कमरों की मरम्मत करा कर काम चलाऊ बनाते हैं। लेकिन बाहर की स्थिति आवासों की जर्जरता का पुख्ता प्रमाण है। आवासों का प्लास्टर टूटने के बाद उसमें दरारे पड़ चुकी हैं। आवास के पीछे सालो भर रहता है जल जमाव-सरकारी आवास के पीछे सालो भर जल जमाव रहता है। इसके कारण दीवार में नमी रहती है।

जगह जगह की ईंटें निकल जाने से दीवार में बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिसमें विषैले जंतुओं का डेरा है।कुछ आवास तो ध्वस्त हो चुके हैं।आवासों के पानी का पीछे निकास होता है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण सालों भर झील का नजारा रहता है। जिसमें सूअर डेरा डाले रहते हैं। आवास के पीछे जल जमाव व लगी झाड़ियों के कारण मच्छरों की भरमार रहती है। गंदगी से निकलने वाली दुर्गंध से आवास में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है।

बरसात में आवास में रहने वालों की होती है फजीहत-बरसात में पदाधिकारी व कर्मियों की फजीहत होती है। बारिश होने पर छत का पानी भीतर ही गिरता है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से आवास में इतना पानी जमा हो जाता है कि इसमें रहने वालों का निकलना मुश्किल होता है। इस बरसात में भी एक सप्ताह तक आवास परिसर व इसके  बाहर सड़क पर घुटने भर पानी जमा था। बरसात में कर्मियों की नींद हराम हो जाती है, जहां के पदाधिकारी एवं कर्मी आवास की समस्या से जूझ रहे हो वे सरकारी कामकाज कितना निपटा पाएंगे। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रखंड कार्यालय परिसर का भी यही हाल है। जगह जगह चहारदीवारी के टूटने के कारण कार्यालय असुरक्षित है। इसी परिसर में है आधा दर्जन कार्यालय इसी परिसर में अंचल, कृषि,मनरेगा, अवर निबंधन व शिक्षा विभाग तथा पुलिस निरीक्षक का कार्यालय है। चहारदीवारी के टूटने से रात में परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है। एक वर्ष पूर्व चोरों ने प्रखंड कार्यालय के ऊपर लगे एंटीना को गायब कर दिया था।

ज्ञात हो की इन्हीं पदाधिकारियों व कर्मियों द्वारा लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पदाधिकारियों व कर्मियों को सुरक्षित ठिकाने की दरकार है। इस संबंध में पूछे जाने पर मोहनियां के बीडीओ मनोज  कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी को आवास व प्रखंड कार्यालय के जीर्णोद्धार के लिए लिखा गया था। वहां से इस प्रस्ताव को विभाग को भेजा गया है।


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