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खाने का बिगड़ा स्वाद, टमाटर हुआ और लाल, बैगन भी थाली से गायब

पेज - फोटो 801 -बारिश और बाढ़ का दिखने लगा असर अधिकांश सब्जियों के भाव 50 रुपये प्रति किलो से अधिक -------- महंगाई -टमाटर के तड़के के अभाव में रसोई में दाल का स्वाद फीका -दाम में उछाल आने से रसोई का बजट बिगड़ा जेबें हो रही खाली --------- -20 से 25 रुपये किलो बिकने वाली हरी सब्जी के भाव दोगुने -10 रुपये किलो बिकने वाली भिंडी अब 50 रुपये ---------------- जागरण संवाददाता गया

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 08:25 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 08:25 PM (IST)
खाने का बिगड़ा स्वाद, टमाटर हुआ और लाल, बैगन भी थाली से गायब

गया । बारिश और बाढ़ का असर हरी सब्जियों पर भी पड़ा है। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। 20 से 25 रुपये किलो बिकने वाली हरी सब्जी का भाव बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है। बारिश की बूंदों के साथ ही महंगाई ने आम लोगों की जेबें खाली कर दी हैं। रसोई में दाल का स्वाद फीका हो रहा है और सब्जियों का स्वाद बिगड़ गया है। दाल-सब्जियों के तड़के से टमाटर के दाम ने भी आसमान छू लिया। अधिकांश सब्जियां 50 रुपये से अधिक दाम पर बिक रही हैं। नतीजा हरी सब्जियां लोगों की थाली से गायब होने लगी है।

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विदित हो कि एक पखवारे पूर्व जिले में चारों दिनों तक लगातार 320 मिलीमीटर बारिश हुई थी। कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी।

बारिश से कद्दू, नेनुआ, करेला, भिंडी व अन्य सब्जियों की फसल को अधिक नुकसान पहुंचा। केदारनाथ मार्केट स्थित सब्जी विक्रेता बलभद्र प्रसाद कहते हैं, बारिश के कारण मंडी में सब्जियों की आवक कमी है। इसके कारण दाम आसमान छू रहे। एक पखवारे पहले जो भिंडी दस रुपये किलो था, आज 50 रुपये किलो है।

अधिक दाम होने के कारण सब्जी बाजारों में ग्राहकों की संख्या कमी है। केदारनाथ मार्केट में सब्जी खरीद रहे योगेश कुमार कहते हैं, दाम में उछाल आने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। दो सौ रुपये में भी दोनों समय के परिवार के चार सदस्यों के लिए सब्जी पूरी नहीं हो रही है।

वागेश्वरी सब्जी मार्केट में सब्जी खरीद रहे सतेंद्र प्रसाद सिंह कहते हैं, अक्टूबर महीने में तो सब्जियों के दाम ने होश उड़ा दिए हैं। इससे पहले काफी ऐसा नहीं हुआ था। इस समय तो सौ रुपये में अच्छी खासी सब्जी मिल जाती थी। अब तो उतनी सब्जी तीन-चार सौ रुपये में भी नहीं मिलती।

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दाल से चला रहे काम

सब्जियों की दाम अचानक इजाफा होने से आमलोगों की थाली से सब्जी गायब हो गई है। लोग दाल से काम चला रहे हैं। गृहिणी लता कुमारी, रेणु सिंह, आभा कुमारी ने कहा कि बाजार से सब्जी खरीदने की हिम्मत नहीं पड़ी है। सौ रुपये में पूरे परिवार की एक शाम की सब्जी नहीं पूरी होती। भिंडी और कद्दू जब 50 रुपये किलो है तो दूसरी सब्जी का क्या कहा जाए। दाल से काम चला रही हूं।

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सब्जी - सितंबर - अक्टूबर

शिमला मिर्च - 60 - 100

बैगन - 60 - 80

कद्दू - 15 - 40

परबल - 40 - 60

करेला - 30 - 60

नेनुआ - 20 - 40

भिंडी - 10 - 50

बोदी - 30 - 50

टमाटर - 40 - 60

बंदागोभी - 30 - 40

खीरा - 30 - 40

धनिया पत्ता - 100 - 200

आलू - 16 - 20

(दाम प्रति किलो में)


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