दहेज हत्या में पति व सास को दस-दस साल की सजा, पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगा
दहेज हत्या के एक मामले में अपर जिला जज पंद्रह बिजेंद्र कुमार राय की अदालत ने पति एवं सास को दोषी ठहराते हुए दस दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है।
सासाराम (Rohtas), जागरण संवाददाता। दहेज हत्या (Dowry Killing) के एक मामले में अपर जिला जज 15 बिजेंद्र कुमार राय की अदालत ने पति एवं सास को दोषी ठहराते हुए दस-दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उनपर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो-दो वर्ष की अतिरिक्त सजा होगी। सजा पाने वालों में बडीहा निवासी पति रितेश कुमार उर्फ बजरंगी एवं सास लालमुनी कुंवर शामिल हैं।
दहेज में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर की थी हत्या
तिलौथू थाना क्षेत्र के बडीहा निवासी रितेश कुमार उर्फ बजरंगी की शादी काराकाट थना क्षेत्र के भोपतपुर निवासी रामाश्रय सिंह की पुत्री ज्ञानमाला से वर्ष 2014 में हुई थी। शादी के बाद से ही दहेज में बाइक के लिए दबाव दिया जाने लगा। इसके लिए हमेशा ज्ञानमाला को प्रताड़ित किया जाता था। जब बाइक नहीं मिली तो रितेश और उसकी मां ने मिलकर 21 दिसंबर 2017 को ज्ञानमाला की हत्या कर दी थी। बिना मायके वालों को इसकी सूचना दिए साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को जला दिया थ। बाद में किसी से इसकी सूचना मिलने पर स्वजन पहुंचे तो घटना का पता चला। वे सन्न रह गए। इस मामले में रितेश और उसकी मां पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई।
घटना के चार वर्षों बाद मिली सजा
पुलिस अनुसंधान के बाद इस मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। कई गवाहों की गवाही और अन्य साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस ने आरोपपत्र समर्पित किया। इसके बाद कोर्ट ने पति एवं सास को भादवि की धारा 304 बी (IPC 304 B) में दस वर्ष एवं धारा 201 में तीन साल कैद की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ चलेंगी। साथ ही दोनों अभियुक्तों पर कोर्ट ने पांच-पांच हजार का अर्थ दंड भी लगाया है।नही देने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।