शहर के इस्कॉन मंदिर में खेली गई फूलों की होली
आम दिनों की अपेक्षा रविवार शाम शहर के गांधी मैदान के पास स्थित इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालुओं की अधिक चहल-पहल रही। मंदिर परिसर में फूलों की होली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। शाम चार बजे ही श्रद्धालुओं मंदिर में पहुंचने लगे थे। सूरज ढलते ही पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से पट गया। पटना से आए कीर्तन मंडली द्वारा हरिनाम संकीर्तन किया गया। उसके बाद जगाई मथाई ड्रामा का मंचन किया गया।
गया । आम दिनों की अपेक्षा रविवार शाम शहर के गांधी मैदान के पास स्थित इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालुओं की अधिक चहल-पहल रही। मंदिर परिसर में फूलों की होली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। शाम चार बजे ही श्रद्धालुओं मंदिर में पहुंचने लगे थे। सूरज ढलते ही पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से पट गया। पटना से आए कीर्तन मंडली द्वारा हरिनाम संकीर्तन किया गया। उसके बाद जगाई मथाई ड्रामा का मंचन किया गया। मंदिर के प्रबंधक जगदीश दास जी महराज ने बताया कि जगाई मथाई का उद्धार ड्रामा चैतन्य महाप्रभु की लीलाओं में एक है। अपनी लाला से इन्होंने भटके हुए इंसान को सही मार्ग दिखाया। ड्रामा में कई कलाकारों ने भाग लिया। इसमें अमेंद्र प्रभु, जगत प्रभु, कुंदन प्रभु, चंदन प्रभु हिमांशु प्रभु, रामाकांत प्रभु, राहुल प्रभु एवं मुरारी प्रभु का सराहनीय योगदान है। ड्रामा के बाद इस्कॉन गर्ल्स फोरम द्वारा नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया गया। वहीं आरती के बाद फूलों की होली खुले गई, जिसमें रूस से आए आधा दर्जन विदेशी मेहमानों सहित श्रद्धालुओं ने जमकर फूलों की होली खेली। एक दूसरे पर फूलों की पंखुड़ियां डालकर ठुमके भी लगाए। इसके साथ अबीर-गुलाल भी खूब उड़ाई गई। श्रद्धालु एक दूसरे के अबीर-गुलाल लगाकर बधाई भी दी। होली के बाद प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। पूरे तरह से मंदिर परिसर होली उत्सव में डूबे होने साथ भक्तिमय दिख रहा था।