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टीबी मुक्त जिला अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग सजग

जिला को टीबी मुक्त बनाने की दिशा

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 04:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 04:00 AM (IST)
टीबी मुक्त जिला अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग सजग

टीबी मुक्त जिला अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग सजग

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जागरण संवाददाता, गया : जिले को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस पहल के तहत जिले के कोंच प्रखंड की आंती पंचायत को टीबी मुक्त बनाया जाएगा। इस पंचायत को जिला यक्ष्मा विभाग ने गोद लिया है। अब यह जिले की पहली टीबी मुक्त पंचायत होगी। जिला संचारी रोग पदाधिकारी सह टीबी नोडल डा.पंकज कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिला को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास जारी है। कोंच प्रखंड के आंती पंचायत को गोद लेकर टीबी मुक्त पंचायत बनाने का काम प्रारंभ किया गया है। प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा पंचायत जनप्रतिनिधियों और आमजन के साथ बैठक की जा चुकी है। योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। सिविल सर्जन डा. रंजन कुमार सिंह ने इस कार्य में सभी आवश्यक सहयोग देने के लिए कहा गया है।

मुखिया के आग्रह पर लिया गया गोद

उन्होंने बताया मुखिया सुनीता कुमारी ने पंचायत को गोद लेकर टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए आग्रह किया था। इसमें उनके द्वारा सभी प्रकार के सहयोग देने की बात कही गई है। इस आग्रह पर पंचायत को गोद लिया गया है। पटना से आए विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसलटेंट तथा संचारी रोग पदाधिकारी द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पंचायत के मुखिया के साथ कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की जा चुकी है।

घर-घर होगी टीबी रोगियों की खोजः

उन्होंने बताया आंती पंचायत में पड़ने वाले सभी गांवों की एएनएम और आशा घर घर जाकर स्क्रीनिंग करेंगी। दो सप्ताह और इससे अधिक समय से किसी भी व्यक्ति को खांसी रहने पर उसके बलगम की जांच होगी। संबंधित स्वास्थ्यकर्मी बलगम जांच के लिए टिकारी तथा कोंच के लैब टैकनिशियन की मदद लेंगे। उन्हें निशुल्क दवाईयां दी जाएगी। बलगम जांच के लिए माइक्रोस्कोपी तथा सीबी नेट मशीन इस्तेमाल करना है। टीबी मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत पौष्टिक आहार के लिए पांच सौ रुपए प्रतिमाह उनके सीधे बैंक अकाउंट में भेजा जाएगा।

मधुमेह व एचआइवी पीड़ित की विशेष स्क्रीनिंगः

मधुमेह, एचआइवी संक्रमित तथा अन्य उच्च जोखिम रोग से पीड़ित व्यक्तियों की विशेष रूप स सक्रीनिंग की जाएगी। टीबी रोग की पुष्टि होने पर एचआईवी और शुगर टेस्ट आवश्यक रूप से किया जाना है। टीबी मुक्त पंचायत बनाने की इस अभियान की सफलता के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है।


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