छात्रों के लिए खुशखबरी: जगजीवन कॉलेज में भी शुरू होगी पीजी और स्नातक वाणिज्य की पढ़ाई
कॉलेज के छात्र-छात्राओंकर्मचारी एवं शिक्षकों के बीच इस निर्णय से खुशी की लहर मगध विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कई कॉलेजों के लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय वोकेशनल पढ़ने वाले छात्रों के लिए बीएससी आईटी की व्यवस्था की गई है।
जागरण संवाददाता, गया। जगजीवन कॉलेज के छात्र- छात्राओं के लिए एक अच्छी खबर है। बता दें कि मगध विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई। जिसमें कई महाविद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। मविवि कुलपति प्रो.राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जगजीवन कॉलेज को भूगोल, राजनीति शास्त्र, जंतु विज्ञान तथा मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर और स्नातक वाणिज्य में स्वपोषी व्यवस्था के तहत पाठ्यक्रमों के संचालित करने की अनुशंसा का अनुमोदन किया गया है। वहीं, नए सेशन में अब विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी साइंस विषय में बैचलर की डिग्री एवं वोकेशनल पढ़ने वाले छात्रों के लिए बीएससी आईटी की व्यवस्था की गई है।
कॉलेज के छात्रों ने प्राचार्य को दी बधाई, इस निर्णय का किया स्वागत
जेजे कॉलेज के छात्र-छात्राओं, कर्मचारी एवं शिक्षकों के बीच खुशी की लहर है। मौके पर उपस्थित कॉलेज के प्राचार्य एवं संबंधित शिक्षकों ने कुलपति एवं एकेडमिक काउंसिल का आभार जताया है। वहीं, छात्रों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए बताया कि जगजीवन कॉलेज में दूर-दराज क्षेत्र के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं ऐसे में सिर्फ स्नातक तक की पढ़ाई हीं यहां संभव हो पाती थी। उसके बाद विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरे कॉलेजों में जाना पड़ता है।
लाइब्रेरी साइंस व बीएससी आईटी की पढ़ाई शुरू होने से शिक्षा के नए अवसर होंगे प्राप्त
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कुमार राजीव रंजन के प्रयास से एवं मगध विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण निर्णय से स्नातकोत्तर और स्नातक वाणिज्य की भी पढ़ाई शुरू होगी। जगजीवन कॉलेज में हीं पढ़ाई करने का मौका सभी छात्र- छात्राओं को मिलेगा। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी साइंस एवं बीएससी आईटी की पढ़ाई शुरू होने से शिक्षा के नए अवसर प्राप्त होंगे। यह निर्णय छात्र हित और आज के आधुनिक युग में शिक्षा के महत्व का परिचायक है। मालूम हो कि जगजीवन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कुमार राजीव रंजन लगातार नई- नई व्यवस्था कर महाविद्यालय को सुसज्जित करते रहे हैं। लगातार महाविद्यालय का सुंदरीकरण किया जा रहा है।