Gaya News: बिहार का एक इलाका जहां बारातियों के साथ जाते डॉक्टर, खटिया पर ले जाए जाते मरीज
टनकुप्पा प्रखंड की लाल सलाम से महुगावां तक की सड़क की स्थिति बेहद खराब है। नौ वर्ष पूर्व निर्माण के बाद से इसकी मरम्मत भी नहीं कराई गई। इधर से गुजरने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं।
संवाद सूत्र, टनकुप्पा (गया) । बिहार में एक ऐसी जगह है जहां बारातियों के साथ डॉक्टर आते हैं तथा । मामला सड़क की समस्या का है। टनकुप्पा प्रखंड की गया-रजौली मुख्य सड़क से जुड़ी लाल सलाम से महुगांवा तक जाने वाली पांच किलोमीटर लंबी सड़क पूरी तरह जर्जर हो गई है। सड़क पर जगह जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। ऐसे में इधर से वाहनों से गुजरना तो दूर पैदल चलना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
सड़क का निर्माण करीब नौ वर्ष पूर्व किया गया था। उसके बाद से इस सड़क की ओर न तो जनप्रतिनिधियों और न ही अधिकारियों की नजरें इनायत हुई। सड़क की मरम्मत भी नहीं कराई गई। नतीजा हुआ कि धीरे-धीरे छोटे गड्ढे ही बड़े में तब्दील होते गए। यह सड़क से भेरवा, श्रीपालचक, नीमाटार, सलारपुर, करीहारा, महुगांवा तक जाती है। यह सड़क गया रजौली स्टेट हाइवे 70 ठनठनिया मोड़ से जुड़ती है। वही दूसरी ओर भेतौरा होते फतेहपुर प्रखंड जोडऩे वाली फतेहपुर बाराचट्टी सड़क में जुड़ती है। लगभग 10 हजार की आबादी उक्त सड़क से सीधे तौर पर जुड़ी है। फिर भी इसे उपेक्षित छोड़ दिया गया है।
खटिया पर लादकर ले जाना पड़ता है मरीजों को
सड़क की स्थिति अभी ऐसी बनी है कि उस पर पैदल चलना कठिन हो गया है। शादी-विवाह के मौके पर आने जाने वाली वाहन हिचकोले खाते आते जाते हैं। खासकर बरसात के दिनों में तो इधर से चलना खतरनाक हो जाता है। गड्ढों में पानी भर जाने के कारण राहगीर गिरते-पड़ते रहते हैं। गंभीर हालत वाले मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ता है। मरीज को खटिया पर लादकर लोग उसे कंधे पर उठाकर ले जाते है। ग्रामीण कई बार सांसद और विधायक से सड़क को बनाने की मांग कर चुके है । लेकिन सड़क नही बन पाया। ग्रामीण रामदेव यादव, प्रेमन यादव, विनोद चौधरी महेश चौधरी आदि ने बताया कि सड़क काफी जर्जर हो गई है। सड़क बनाने के लिए सांसद से लेकर विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधयों से गुहार लगा चुके है। लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ा।