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Gaya News: टिकारी राजा का बनवाया छठ पूजा सरोवर उपेक्षा का शिकार, श्रद्धालुओं को झेलनी पड़ती है परेशानी

टिकारी के पंच देवता स्थित प्रसिद्ध प्राचीन सूर्य सह शिव मंदिर परिसर के आगे मोरहर नदी के तट पर बना छठ घाट इन दिनों बदहाली का दंश झेल रहा है। न घाट की मरम्‍मत कराई गई और न ही सौंदर्यीकरण।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 11:45 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 11:45 AM (IST)
टिकारी के प्राचीन सूर्य सह शिव मंदिर के प्रांगण के आगे मोरहर नदी के तट पर बना छठ घाट ।

गया, जेएनएन। लोक आस्‍था का महापर्व छठ करीब है। लेकिन जिले के टिकारी के पंच देवता स्थित प्रसिद्ध प्राचीन सूर्य सह शिव मंदिर के प्रांगण के आगे मोरहर नदी के तट पर बना छठ घाट सरकारी उपेक्षा का शिकार बना है। इससे श्रद्धालुओं में निराशा के साथ गुस्‍सा भी है।

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टिकारी राजा ने बनवाया था शानदार छठ घाट

कहा जाता है कि इस छठ घाट की धार्मिक प्रसिद्धि को देखते हुए टिकारी राजा ने तालाब सह छठ घाट का निर्माण कराया था। घाट के चारों ओर नक्काशी युक्त चारदीवारी, तालाब में उतरने और छठ व्रतियों को अर्ध अर्पण के लिए चौड़ी सीढ़ी का निर्माण कराया गया था। साथ ही तालाब में स्नान के बाद छठ व्रतियों के कपड़ा बदलने के लिए दो शानदार कमरे भी बनाए गए। लेकिन जनप्रतिनिधियों और सरकारी तंत्र की उपेक्षा के कारण तालाब सह छठ घाट की स्थिति खराब होती गई।  यह अनुपयोगी बना है। हलाकि समय के थपेड़ों और कालांतर में नदी में बाढ़ के कारण तालाब का पूर्वी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था । कुछ वर्ष पूर्व उसकी मरम्मत सरकारी योजना से कराई गई थी। लेकिन छठ की महता और इसकी प्रसिद्धि के अनुरूप आज भी पंच देवता का छठ घाट विकसित नहीं हुआ है। यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है।

स्‍थानीय विधायक ने मंदिर परिसर के चारो ओर एक दर्जन से अधिक स्वचालित सोलर लाइट लगवाया। इससे रात के समय मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। साथ हीं छठ घाट के महात्म्य के मद्देनजर छठव्रतियों की सुविधा को देखते हुए मंदिर से लेकर बेलहड़िया मोड़ तक एक किमी मुख्य मार्ग पर भी सोलर लाइट भी लगवाया गया है।

वही उक्त संस्थानों से जुड़े मंदिर के पुजारी कमाता बिंद, रामाशीष प्रजापति, कमल कान्त, किशोरी यादव, प्रमोद यादव, विनोद यादव, नरेश प्रसाद के साथ धार्मिक आयोजन से जुड़े लोगों ने प्राचीन पंचदेवता छठ घाट एवं तालाब का सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार करने के साथ छठ मेला को सरकारी समारोह का दर्जा देने की मांग सरकार से की है। उक्त लोगों ने पंचदेवता को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी मांग की है।


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