Move to Jagran APP

औरंगाबाद में प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना का बुरा हाल, 11 लाख की जगह अब तक बने केवल 1.72 लाख गाेल्‍डन कार्ड

औरंगाबाद जिले में प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना का हाल ठीक नहीं है। स्थिति यह है कि गरीबों का गोल्‍डेन कार्ड भी नहीं बना है। जिले में 11 लाख के लक्ष्‍य की तुलना में अब तक महज डेढ़ लाख के आसपास कार्ड बने हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 12:18 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 12:18 PM (IST)
औरंगाबाद में प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना का बुरा हाल, 11 लाख की जगह अब तक बने केवल 1.72 लाख गाेल्‍डन कार्ड
प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना का हाल बुरा। प्रतीकात्‍मक फोटो
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वालों के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJY) का जिले में हाल बेहाल है। केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2018 को इस योजना की शुरुआत की थी। लेकिन जिले में इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है। नतीजा है कि लक्ष्‍य के तुलना में आधे लोगों का भी गोल्‍डेन कार्ड अब तक नहीं बन सका है।
जिले में 16 पीसद ही पूरा हो सका  है लक्ष्य
जिले के 11 प्रखंडों में आयुष्मान भारत योजना के काउंटर या पंचायत स्तर पर संचालित हो रहे सुविधा केंद्र से गोल्डन कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य 11 लाख 07 हजार 843 निर्धारित किया गया था। लेकिन वर्ष 2021 के जनवरी माह के प्रथम सप्‍ताह तक महज 1 लाख 72 हजार 266 गोल्डन कार्ड ही बन पाए। यह महज 16 फीसद है। इतना ही नहीं अभी इस मामले को लेकर जागरूकता अभियान चला रही संस्था पथ प्रदर्शक के सचिव बह्मेंद्र सिंह की माने तो जिले के 11 प्रखंडों के 93 गांव ऐसे हैं जहां एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है।
 
कोरोना से प्रभावित हुआ कामकाज
आयुष्मान भारत योजना के डीपीसी बबन भारती ने बताया कि योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जाने का कार्य सितंबर माह से मार्च तक जोर-शोर से चला। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने से कार्य काफी प्रभावित हुआ। अब नई गाइडलाइन के अनुसार कार्य मे तेजी लाते हुए लक्ष्य की प्राप्ति कर ली जाएगी।
 
इन्हें मिलना है योजना का लाभ
डीपीसी ने बताया कि इस योजना का लाभ भिखारी, घरेलू कार्य करने वाले, कूड़ा उठाने वाले, मोची, स्ट्रीट विक्रेता, फेरीवाला, सड़क पर अन्य सेवा प्रदाता, पलंबर, कंस्ट्रक्शन वर्कर, मेसन, पेंटर, लेबर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली, वेल्डर, मेहतर, माली, सफाई कार्यकर्ता, कारीगर, हस्तशिल्प कार्यकर्ता, दर्जी, घरेलू कार्य करने वाले कर्मी, ड्राइवर, परिवहन कार्यकर्ता, कंडक्टर, गाड़ी या रिक्शा चालक, कंडक्टर को हेल्फर, दुकान में कार्य करने वाला कर्मी, लघु प्रतिष्ठान में चपरासी, सहायक, हेल्पर, परिचर, वितरण सहायक, बैरा, मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, चौकीदार, धोबी आदि इसका लाभ ले सकते हैं। लेकिन उनका नाम 2011 के जनगणना वाली सूची में हो तथा सर्वे के अनुसार इसके लिए प्रधानमंत्री की चिट्ठी प्राप्त हो।
 
11 प्रखंडों में दाउदनगर सबसे आगे, हसपुरा फिसड्डी

loksabha election banner
जिले में गोल्डन कार्ड बनाए जाने वाले आंकड़ों पर गौर करें तो अभी औरंगाबाद प्रखंड में 97656 टारगेट की जगह 20 फीसद उपलब्धि के साथ 19495 कार्ड बन सके हैं। इसी तरह बारुण प्रखंड में 79414 की जगह 19 फीसद (15028), दाउदनगर में 21 फीसद (14866), देव प्रखंड में 18 फीसद (15491), गोह प्रखंड में 13 फीसद (12019), हसपुरा प्रखंड में 10 फीसद (8119), कुटुंबा प्रखंड में 15 फीसद (17253), मदनपुर प्रखंड में 13 फीसद (14662), नवीनगर प्रखंड में 15फीसद (22211), ओबरा प्रखंड में 18 फीसद (18142), रफीगंज प्रखंड में 12 फीसद (14980) गोल्डन कार्ड बने हैं।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.