Move to Jagran APP

गया जिले को मिला 3744 टन यूरिया, फिर भी किल्लत बरकरार, आबंटन से काफी कम मिला था जिले को यूरिया

गया में यूरिया के लिए किसान सुबह से शाम तक लंबी लाइन में खड़ा रहते है। उसके बाद भी पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल रहा है। जिससे धान बर्बाद हो रहा है। जिले में यूरिया की जरूरत 9612 टन की है अभी तक 3744 टन यूरिया है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 06:14 PM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 06:14 PM (IST)
गया जिले को मिला 3744 टन यूरिया, फिर भी किल्लत बरकरार, आबंटन से काफी कम मिला था जिले को यूरिया
गया में बोरे में पैक यूरिया खाद

जागरण संवाददाता, गया : यूरिया की किल्लत के कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है। यूरिया की खरीदारी करने के लिए किसान सुबह से शाम तक लंबी लाइन में दुकानों के पास खड़ा रहते है। उसके बाद भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल रहा है। जिसके कारण धान का फसल बर्बाद हो रहा है। जबकि दो दिनों में 3,744 टन यूरिया जिला को मिला है। उसके बाद भी किल्लत बनी हुई है। क्योंकि फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा पिछले महीने जरूरत से काफी कम यूरिया उपलब्ध कराया गया था।

loksabha election banner

जरूरत 9612 टन की, अभी तक 3,744 ही टन यूरिया उपलब्ध 

पिछले महीने 10,420 टन यूरिया की जरूरत थी। लेकिन फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा मात्रा दो हजार टन यूरिया ही उपलब्ध कराया गया था। वहीं सितंबर महीने मे जिले में यूरिया की जरूरत 9612 टन की है। जिसमें अभी तक 3744 टन यूरिया उपलब्ध गया है। चार सितंबर को यूरिया फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा 2126 टन उपलब्ध कराई गई थी। वहीं 1618 टन यूरिया का रैक लगा हुआ है। जो सोमवार को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

किसानों पर अतिरिक्त बोझ

यूरिया की खरीदारी करने के लिए सबसे ज्यादा भीड़ शहर के किरानी घाट स्थित उर्वरक दुकानों में देखा जा रहा है। यहीं हाल जिले कई बाजार वजीरगंज, इमामगंज, शेरघाटी, टिकारी, खिजरसराय, टेउसा, टेटूआ, मानपुर, बेलागंज सहित कई स्थानों पर है। जहां किसानों को लाइन में लगकर यूरिया का खरीदारी करना पड़ रहा है। किसानों को यूरिया के साथ डीएपी खाद भी दिया जा रहा है। जिससे किसानों को अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

यूरिया नहीं पडऩे से धान का फसल हो रहा चौपट

धान के फसल में यूरिया नहीं डाले जाने से फसल खराब हो रहा है। किसान सुशील कुमार, विजय कुमार, पवन कुमार एवं संजय कुमार मेहता ने कहा कि इस समय धान का फसल में यूरिया डालना बहुत जरूरी है। क्योंकि धान के पौधा से गाभ पर है। यूरिया का छिड़काव नहीं से फसल खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि पूरे दिन लाइन खड़ा रहने के बाद एक बोरा यूरिया मिलता है। जो जरूरत से काफी कम है।

क्या कहते हैं अधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो का कहना है कि इसी महीने लगातार यूरिया प्राप्त हो रहा है। दो दिनों में 3744 टन यूरिया प्राप्त हो गया है। 15 सितंबर तक यूरिया का किल्लत जिले में समाप्त हो जाएगा। सामान्य तरीके से किसानों को यूरिया मिलने लगेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.