गोदावरी व रामकुंड के जल से पिंडदानी नहीं कर सकेंगे तर्पण
-फोटो -नगर निगम और जिला प्रशासन की लगातार बैठकें होने के बाद भी कई कार्य अधूरे ------------ कछुआ चाल -सरोवर के नहीं बने घाट पानी भी हो चुका है प्रदूषित -अभियंता बोले-अतिक्रमण के कारण सुंदरीकरण कार्य में हुई देरी --------------- जागरण संवाददाता गया
गया । विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले की तैयारी को लेकर नगर निगम और जिला प्रशासन दो माह से बैठकें कर रहा है। बावजूद इसके कार्यो को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। मेला प्रारंभ होने में मात्र चार दिन शेष रह गए, लेकिन सरोवरों के सुंदरीकरण के कार्य अभी भी आधे अधूरे हैं। ऐसे में तय है कि तर्पण अर्पण करने में पिंडदानियों को परेशानी होगी।
गोदावरी और रामकुंड के सुंदरीकरण के कार्य कछुआ गति से चल रहा है। सबसे बदहाल स्थिति गोदावरी सरोवर की है। यहां घाट का निर्माण कार्य अधूरा है। सरोवर में पानी न के बराबर है। थोड़ा सा है भी तो प्रदूषित हो चुका है। इस पानी से पिंडदानी कैसे तर्पण-अर्पण करेंगे? लाइट लगाने का कार्य भी अधर में है। कार्य की गति ऐसे ही रही तो पिंडदानियों को कर्मकांड और तर्पण से वंचित रहना पड़ सकता है। सनातन धर्म में सरोवर के पवित्र जल से तर्पण और पिंडदान का काफी महत्व रखता है। सुंदरीकरण कार्य कर रहे सीपीडब्ल्यूडी के अभियंता विजय भरद्वाज का कहना है कि पश्चिम दिशा में सरोवर पर अतिक्रमण हो गया था। अतिक्रमण हटाने में समय लग गया है। इसके कारण सुंदरीकरण कार्य विलंब से शुरू किया गया है। पितृपक्ष के बाद सुंदरीकरण कार्य पूरा हो जाएगा।
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सरोवर का महत्व
जो पिंडदानी पुनपुन नदी में जाकर पिंडदान एवं कर्मकांड नहीं कर पाते हैं। वे गोदावरी के जल में तर्पण और पिंडदान कर पितरों के मोक्ष की कामना करते हैं।
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रामकुंड सरोवर का कार्य अधर में
शहर के उत्तर में स्थित रामशिला पहाड़ी के पास रामकुंड सरोवर स्थित है। यहां पितृपक्ष में प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में पिंडदानियों द्वारा तर्पण और पिंडदान किया जाता है। ऐसे में सरोवर का जल सनातन धर्म में काफी महत्व रखता है। हृदय योजना से चल रहे सुंदरीकरण कार्य काफी धीमा है। इससे लगता है कि पितृपक्ष के दौरान पिंडदानियों को तर्पण और पिंडदान से वंचित रहना पड़ सकता है। सरोवर का जल पूरी तरह गंदा है। ऐसे जल से तर्पण कैसे हो सकता है। सुंदरीकरण का कार्य काफी धीमी गति से चलने के कारण जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने संवेदक को बदलने का निर्देश 18 अगस्त को दिया था। उसके बाद भी संवेदक को नहीं बदला गया। हालांकि, सरोवर के पास फर्श और रंग-रोगन का कार्य पूरा हो गया है, लेकिन सरोवर का पानी आज तक गंदा पड़ा है।
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भगवान श्रीराम ने सरोवर
में किए थे स्नान
भगवान श्रीराम कर्मकांड करने के लिए गया धाम आए थे। भगवान श्रीराम ने रामकुंड सरोवर में स्नान कर पवित्र जल से तर्पण किए थे।