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औरंगाबाद में नक्सली ठिकाने से विदेशी राइफल व कारतूस बरामद, तीन दिन पहले बरामद हुए थे हथियार, कारतूस व आइईडी

नक्सलियों के लिए लंगुराही एवं पचरुखिया का जंगल और पहाड़ कभी सबसे सुरक्षित ठिकाना माना जाता था। आज यह जंगल उनके लिए सबसे असुरक्षित बन गया है। जंगल में नक्सलियों के बंकर से कोबरा के जवानों के द्वारा लगातार हथियार एवं कारतूस की बरामदगी की जा रही है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:59 AM (IST)
नक्सलियों की खोज में पुलिस की तस्वीर, जागरण आर्काइव

 जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ मदनपुर थाना क्षेत्र के लंगुराही एवं पचरुखिया के जंगल में सर्च एंड डिस्ट्रोआय आपरेशन (शैडो अभियान) चला रहे कोबरा एवं सीआरपीएफ के जवानों को लगातार सफलता मिल रही है। सुरक्षाबलों ने पचरुखिया जंगल के सहजपुर सहियारी के पास स्थित खुटवां बथान के पास नक्सली ठिकाने से एक विदेशी राइफल एवं अत्याधुनिक हथियार के करीब 125 कारतूस समेत अन्य सामान को बरामद किया है। हालांकि अभियान के दौरान नक्सलियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 

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नक्सलियों के ठिकाने से हथियार एवं कारतूस की बरामदगी की जानकारी नक्सल अभियान के एक अधिकारी ने दी है। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च आपरेशन के दौरान एक विदेशी राइफल एवं कारतूस की बरामदगी की गई है। नक्सलियों के खिलाफ सर्च आपरेशन जारी है। नक्सलियों के लिए लंगुराही एवं पचरुखिया का जंगल और पहाड़ कभी सबसे सुरक्षित ठिकाना माना जाता था। आज यह जंगल उनके लिए सबसे असुरक्षित बन गया है। जंगल में नक्सलियों के बंकर से कोबरा के जवानों के द्वारा लगातार हथियार एवं कारतूस की बरामदगी की जा रही है। 

मंगलवार एवं बुधवार को पचरुखिया जंगल स्थित कैंप के कोबरा के सुरक्षाबलों ने दूधजरा पहाड़ पर स्थित नक्सलियों के बंकर से एक एसएलआर राइफल, एक देशी राइफल, एक देशी बंदूक, एसएलआर की 257 कारतूस, आइईडी समेत काफी सामान को बरामद किया था। कोबरा के द्वारा अब इस जंगल को नक्सलमुक्त करने की दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए कई नए तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। बताया गया कि सीआरपीएफ एवं कोबरा के द्वारा जंगल को स्केल कर लिया गया है। अब इस स्केल में नक्सलियों का रहना मुश्किल होगा। 

सुरक्षाबलों के अनुसार जनवरी 2021 से इस जंगल में शैडो अभियान चलाकर नक्सलियों के द्वारा जंगल में कई जगहों पर लगाए गए करीब 500 से अधिक आइईडी को डिस्ट्रोवाय किया गया है। अपनी बलिदानी का बदला ले रहे कोबरा मदनपुर एवं गया जिले के आमस थाना क्षेत्र के दक्षिणी इलाके में स्थित छकरबंदा जंगल में नक्सल के खिलाफ अभियान में सीआरपीएफ एवं कोबरा के कई जवानों को बलिदानी देनी पड़ी है। 

वर्ष 2016 में डुमरीनाला जंगल में नक्सलियों के आइईडी विस्फोट में कोबरा के दस जवान बलिदान हुए थे। करीब छह जवान घायल हुए थे। तब कोबरा के इतिहास में जवानों की यह सबसे बड़ी घटना मानी गई थी। राज्य से लेकर केंद्रीय गृहमंत्रालय तक इस घटना को काफी गंभीरता से लिया था। 

इस घटना में जिले के तत्कालीन एसपी बाबूराम बाल बाल बचे थे। उनके सिर के ऊपर से नक्सलियों की गई गोली निकली थी। पास में हुई आइईडी विस्फोट की चपेट में आने से बच गए थे। 11 फरवरी 2019 को कोबरा के एसआइ रौशन कुमार बलिदान हुए थे। इसके अलावा अन्य जवानों ने भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान में अपनी बलिदानी दी है।


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