नवादा के बाजार में बढ़ते उर्वरकों की कीमत से किसान परेशान, किसानों की गाढ़ी कमाई पर हाथ फेर रहे लाइसेंसी दुकानदार
सरकार द्वारा निर्धारित 1200 रुपये में मिलने वाला डीएपी का बाजार भाव 1750 से 1800 रुपये विक्रेता वसूल रहे हैं। जबकि यूरिया की निर्धारित कीमत 266 के विरुद्ध कालाबाजारी कर 380 से 400 रुपये वसूली जा रही है।
By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 05:24 PM (IST)
संसू, वारिसलीगंज : रबी फसलों की बुआई शुरू होते ही बाजार में रासायनिक उर्वरकों की कीमत आसमान छूने लगी है। सरकार द्वारा निर्धारित 1200 रुपये में मिलने वाला डीएपी का बाजार भाव 1750 से 1800 रुपये विक्रेता वसूल रहे हैं। जबकि यूरिया की निर्धारित कीमत 266 के विरुद्ध कालाबाजारी कर 380 से 400 रुपये वसूली जा रही है। किसानों को उचित कीमत पर उर्वरक उपलब्ध करवाने वाली बिस्कोमान के अधिकारी खाद नहीं रहने का बोर्ड लगा इत्मीनान हैं। किसान निर्धारित कीमत से डेढ़ गुना अधिक देकर यूरिया व डीएपी बाजार में दुकानदारों से खरीदने को विवश हैं।
बाजार से मनमानी कीमत पर खरीदना पड़ता उर्वरक
मकनपुर ग्रामीण किसान मनोज सिंह, नित्यानंद सिंह, बृजेन्द्र रविदास, अरविंद सिंह, सुरेंद्र सिंह, सगमा ग्रामीण सुरेंद्र प्रसाद सिंह, सिमरी डीह के मंटू सिंह, चंडीपुर के सियाराम सिंह, पैंगरी के रामचंद्र महतो, कुटरी के चंद्रमौलि सिंह समेत अन्य ने कहा कि जब किसानों को उर्वरक की आवश्यकता पड़ती है, विस्कोमान में खाद समाप्त हो जाता है। ऐसे में बाजार में मनमानी कीमत पर खरीदना पड़ता है। इसी प्रकार की समस्या खरीफ सीजन में हुई। उर्वरक की निगरानी के लिए तैनात जिला एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी किसानों की समस्या जानते हुए भी खाद की सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित नहीं करा पा रहे हैं।
नकली डीएपी का मंडी रहा है वारिसलीगंज-
वारिसलीगंज बाजार में नकली एवं मिलावटी सामानों को व्यापारी आसानी से खपा लेते हैं। जिसमें फसल बोआई के समय प्रयोग किया जाने वाला उर्वरक डीएपी प्रमुख है। खरीफ सीजन के दौरान एक ठिकाने से डीएपी का नया रैपर बैग, सिलाई मशीन, विभिन्न रंगों का धागा एवं सैकड़ो बैग नकली डीएपी आदि की बरामदगी हुई थी। बाबजूद बाजार में अभी भी नकली डीएपी बिक्री की सूचना है। परंतु संबंधित अधिकारी छापेमारी करने से बचते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी-
वारिसलीगंज विस्कोमान के प्रबंधक दिलीप कुमार कहते हैं कि अभी गोदाम में कोई उर्वरक उपलब्ध नहीं है। रैक आने की सूचना भी नहीं है। जब खाद उपलब्ध होगा तब वितरण किया जाएगा। जबकि डीएपी की उंची कीमत के बारे में प्रखंड कृषि पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने अधिक कीमत पर अनभिज्ञता जाहिर किया। कहा कि किसान से अधिक वसूली हो तब मुझे सूचना दें।
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