किसानों को अनुदानित बीज के लिए कार्यालय दौड़ने की जरूरत नहीं, होम डिलीवरी से घर पहुंचेगा बीज का पैकेट
Gaya News गया जिले में किसानों को अनुदानित बीज के लिए कार्यालय दौड़ने की जरूरत नहीं होम डिलीवरी से घर पहुंचेगा बीज का पैकेट होम डिलीवरी से किसानों को उपलब्ध कराए गए अनुदानित दर पर गेहूं बीज चंदौती प्रखंड अंतर्गत दुर्बे गांव के 40 किसानों को दिया गया बीज
गया, जागरण संवाददाता। Gaya Farmers News: कृषि विभाग की नई योजना (Scheme of Agriculture Department, Government of Bihar) के मुताबिक किसानों को अब अनुदानित बीज (Subsidized Seeds) लेने के लिए सरकारी कार्यालयों में दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। होम डिलीवरी (Home Delivery) के जरिए घर पर डीलर बीज पहुंचाएगा। इसके लिए किसान को ऑनलाइन आवेदन (Online Application) करते समय ही होम डिलीवरी का विकल्प चुनना होगा। जिले में यह व्यवस्था शुरू कर दी गयी है। अनुदानित दर पर गेहूं के बीज होम डिलीवरी के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी कड़ी में चंदौती प्रखंड के घुठिया पंचायत अंतर्गत दुर्वे गांव में 40 किसानों को अनुदानित दर पर गेहूं का बीज वितरण किया गया। गांव के किसान सुरेंद्र प्रसाद सिंह, शोभा देवी, आशा देवी, अलोक कुमार, राजेन्द्र भागवत, अर्जुन प्रसाद, जय विंदर यादव, दिलीप कुमार, द्वारिका भागवत, बसंत प्रसाद व दूसरे किसानों को गेहूं बीज के पैकेट दिए गए। इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो, प्रखंड कृषि पदाधिकारी विजय रजक, कृषि समन्वयक राकेश कुमार, सलाहकार अशोक प्रसाद उपस्थित थे।
सुदूर इलाके के किसानों के लिए होम डिलीवरी फायदेमंद: डीएओ
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो (District Agriculture Officer Sudama Mahto) ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत जो भी किसान बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं वह यदि उसी समय विकल्प के तौर पर होम डिलीवरी का ऑप्शन सेलेक्ट करते हैं तो डीलर की यह जिम्मेवारी बनती है कि वह घर पहुंचा कर किसानों को बीज मुहैया कराए। इसके लिए किसानों को अलग से 5 रुपये प्रति किलो बीज के हिसाब से भुगतान करना होता है। जिला कृषि पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि नजदीक वाले किसान तो कार्यालय अथवा दुकान पहुंचकर बीज प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन सुदूर इलाके के किसान जिन्हें आने जाने में अधिक खर्च और समय लगेगा उनके लिए यह योजना फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि गेहूं की बीज पर सरकार 50 फीसद से अधिक तक अनुदान दे रही है। अलग- अलग योजना में अनुदान की दर अलग-अलग निर्धारित है।